वोटर्स की सुस्ती, जीत के दावे के बीच मोदी सबसे आगे...?

Update: 2024-05-15 06:06 GMT

त्वरित टिप्पणी

अतुल्य चौबे

18वीं लोकसभा के लिए हो रहा चुनाव अपना आधा से ज्यादा सफऱ पूरा कर चुका है। तीसरे चरण में मंगलवार को 12 राज्यों की 94 सीटों पर मतदान पूरा होने के साथ ही 543 सदस्यों की लोकसभा की 379 सीटों के लिए वोटिंग का काम पूरा हो गया। लोकसभा में बहुमत के लिए 272 सदस्यों की जरूरत होती है और 379 सीटों पर मतदान हो चुका है। अब बाकी तीन चरणों में 164 सीटों पर वोट डाले जाने हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि चार चरण के मतदान के बाद किस गठबंधन का पलड़ा भारी है और लगातार घटते मतदान प्रतिशत के क्या मायने हैं?

भाजपा नेता लगातार अपनी जीत के दावे करते हुए चार चरणों के मतदान के बाद ही बहुमत मिलने का आंकड़ा छू लेने की बात कर रहे हैं वही विपक्षी इंडिया गठवंधन के नेता अपनी जीत का दावा करते हुए भाजपा गठबंधन को 150 से 220 सीट तक सिमटने का दावा कर रहे हैं। हालाकि इंडिया गठबंधन के नेताओं के दावों में एक रुपता नहीं है और हर कोई हवा में तीर चलाते नजर आ रहे हैं। वही एनडीए की ओर से गृहमंत्री अमित शाह साफ तौर पर हर चरण के बाद भाजपा को मिल रही सीटों को लेकर पूरे आत्मविश्वास के साथ आंकड़े देते आ रहे हैं। वाराणसी में पीएम के रोड शो के बाद एनडीए और भाजपा नेता यह मानकर चल रहे हैं कि प्रधानमंत्री ने जो 400 पार की बात कही है वह नतीजों में पूरा होते दिख रहा है।

प्रधानमंत्री और दूसरे बड़े भाजपा नेताओं के ताबड़तोड़ रैलियों और सभाओं से एनडीए गठबंधन प्रचार में इंडिया गठबंधन से कोसों आगे चल रहा है। वहीं इंडिया गठबंधन के नेता और पार्टियां अपने राज्यों में ही सीमित हैं। कांग्रेस नेता राहुल गांधी और खडग़े अपने प्रत्याशियों के लिए प्रचार कर रहे हैं। वहीं शरद पवार, ममता बनर्जी, उद्धव ठाकरे व दक्षिण राज्यों के स्टालिन जैसे नेता अपने राज्यों तक ही सीमित हैं। ऐसे में इंडिया गठबंधन का प्रचार अभियान भी जोर नहीं पकड़ पा रहा है। हालाकि कम मतदान को इंडिया गठबंधन के लोग अपने लिए शुभ संकेत मान रहे हैं और इसी के दम पर भाजपा की फिर से सरकार नहीं बनने को लेकर आशान्वित नजर आ रहे हैं। लेकिन फिलहाल यह अनुमान लगा पाना मुश्किल है कि वोटर्स की सुस्ती से किसे खतरा होने वाला है।

लोकसभा चुनाव के लिए अब तक पहले, दूसरे, तीसरे और चौथे फेज की वोटिंग हो चुकी है। सोमवार (13 मई) को चौथे फेज के लिए वोट डाले गए। चौथे फेज के साथ ही देश के आधे से ज्यादा लोकसभा सीटों पर वोटिंग हो चुकी है। इसके साथ ही देश में अब तक 22 राज्यों में वोटिंग की प्रक्रिया पूरी की जा चुकी है। चौथे फेज के साथ देश में आधे से अधिक लोकसभा सीटों पर चुनाव पूरा हो गया। देश में लोकसभा की कुल 543 सीटें हैं। 19 अप्रैल को पहले फेज में 21 राज्यों की 102 सीटों पर वोटिंग हुई। 26 अप्रैल को दूसरे फेज में 12 राज्यों की 88 सीटों पर वोट डाले गए। 7 मई को तीसरे फेज में 11 राज्यों की कुल 93 लोकसभा सीटों पर वोट डाले गए। 13 मई को 10 राज्यों की 96 सीटों पर मतदान की प्रक्रिया पूरी कराई गई। कुल मिलाकर अब तक देश की 379 लोकसभा सीटों पर वोटिंग कराई जा चुकी है। अब पांचवें फेज में 49, छठे फेज में 58 और सातवें व आखिरी फेज में 57 सीटों पर मतदान होगा।

चौथे फेज के साथ कई राज्यों में लोकसभा चुनाव खत्म हो चुका है। उत्तराखंड, तमिलनाडु, केरल, गुजरात, राजस्थान, कर्नाटक, असम, दमन और दीव, दादरा व नगर हवेली, गोवा, असम, त्रिपुरा, मणिपुर, मिजोरम, नागालैंड, मेघालय, सिक्किम, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और अरुणाचल प्रदेश में चौथे फेज के साथ ही चुनाव प्रक्रिया खत्म हो गई।

इन राज्यों में लोकसभा की एक-एक सीटें

देश में सबसे कम लोकसभा सीट वाला पहला राज्य पूर्वोत्तर सिक्किम है। इस राज्य में सिर्फ एक लोकसभा सीट है, जो कि अनाारक्षित है। यहां पहले फेज में 19 अप्रैल को वोटिंग हो चुकी है। इसके बाद सबसे कम लोकसभा सीटों वाला दूसरे राज्य का नाम नागालैंड है। यहां भी सिर्फ एक लोकसभा सीट है और ये भी अनारक्षित है। नागालैंड में भी पहले फेज में ही वोटिंग हो गई। मिजोरम में भी एक लोकसभा सीट है, जो एसटी वर्ग के लिए आरक्षित है। यहां भी 19 अप्रैल को वोटिंग प्रक्रिया कराई जा चुकी है।

अब तक किस राज्य में कितनी पर्सेंट हुई वोटिंग?

तमिलनाडु में लोकसभा की 39 सीटें हैं। यहां कुल 69।72त्न वोटिंग हुई। उत्तराखंड में लोकसभा की 5 सीटें आती हैं। यहां 57।22त्न वोटिंग हुई। केरल की सभी 20 सीटों पर एक ही फेज में वोटिंग हुई। मतदान प्रतिशत 71।27 रहा। गोवा की 2 लोकसभा सीटों पर 75।20त्न मतदान रिकॉर्ड हुआ। अरुणाचल प्रदेश में लोकसभा की 2 सीटें हैं। यहां 77।68त्न वोटिंग हुई। नागालैंड की एकमात्र सीट पर 57।73त्न वोट डाले गए। मिजोरम की एकमात्र सीट पर 56।87त्न मतदान हुआ।

सिक्किम की एकमात्र लोकसभा सीट पर 79।88त्न वोटिंग

सिक्किम की एकमात्र लोकसभा सीट पर 79।88त्न वोटिंग दर्ज हुई। मेघालय की 2 सीटों पर 76।60त्न मतदान हुआ। छत्तीसगढ़ की 11 लोकसभा सीटों पर 3 फेज में वोटिंग कराई गई। पहले फेज में 68।29त्न, दूसरे फेज में 76।24त्न और तीसरे फेज में 71।06त्न वोटिंग हुई। असम की 14 लोकसभा सीटों पर भी 3 फेज में वोटिंग हुई। असम में पहले फेज में 78।25त्न, दूसरे फेज में 81।17त्न और तीसरे फेज में 81।71त्न वोटिंग हुई।

मणिपुर की 2 सीटों पर दो फेज में वोटिंग

मणिपुर की 2 सीटों पर दो फेज में वोटिंग कराई गई। पहले फेज में 76।10त्न और दूसरे फेज में 84।85त्न वोटिंग हुई। त्रिपुरा की 2 सीटों पर भी दो फेज में वोटिंग कराई गई थी। पहले फेज का मतदान प्रतिशत 81।48त्न और दूसरे फेज का 80।36त्न रहा। राजस्थान की 25 लोकसभा सीटों के लिए दो फेज में वोटिंग कराई गई। पहले फेज में 57।65 और दूसरे फेज में 65।05 फीसदी मतदान हुआ। कर्नाटक की 28 लोकसभा सीटों पर भी दो फेज में मतदान संपन्न कराए गए। पहले फेज में 69।56 और दूसरे फेज में 70।41 फीसदी वोट डाले गए थे।

चौथे फेज तक किस राज्य में सबसे ज्यादा और किस राज्य में सबसे कम मतदान?

-पहले फेज में सबसे ज्यादा त्रिपुरा (80त्न) में वोटिंग हुई। बिहार में सबसे कम 48त्न वोट पड़े।

-दूसरे फेज में त्रिपुरा में सबसे ज्यादा करीब 78।63त्न वोटिंग हुई। महाराष्ट्र, बिहार और उत्तर प्रदेश मे सबसे कम 54त्न के आसपास मतदान हुआ।

-तीसरे फेज में सबसे ज्यादा मतदान असम (81।71 प्रतिशत) में हुआ। सबसे कम 57।34 प्रतिशत मतदान यूपी में हुआ।

-चौथे फेज में सबसे ज्यादा पश्चिम बंगाल (75।66त्न) वोटिंग हुई। सबसे कम वोटिंग जम्मू-कश्मीर में रिकॉर्ड हुआ। यहां 35।75त्न वोटिंग हुई।उठ रहे सवाल

लोकसभा चुनावों के साथ किन राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव?

लोकसभा चुनाव के साथ ही 4 राज्यों आंध्र प्रदेश, ओडिशा, सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश में विधानसभा के चुनाव कराए गए। सिक्किम की 32 सीटों पर 19 अप्रैल को मतदान कराया गया। अरुणाचल प्रदेश की 60 विधानसभा सीटों पर 19 अप्रैल को वोट डाले जा चुके हैं। आंध्र प्रदेश की 175 विधानसभा सीटों पर 13 मई को वोटिंग हुई। ओडिशा की 147 सीटों पर 4 फेज में विधानसभा चुनाव पूरा होना है। 13 मई को पहले फेज की वोटिंग हुई। 20 मई को दूसरे फेज की, 25 मई को तीसरे और 1 जून को चौथे फेज की वोटिंग होगी।

4 राज्यों में किसका किसके साथ मुकाबला?

ओडिशा में बीजू जनता दल की सरकार है। यहां बीजेपी सीधे मुकाबले में है। नवीन पटनायक यहां साल 2000 से मुख्यमंत्री हैं। आंध्र प्रदेश में वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के नेता जगन मोहन रेड्डी मुख्यमंत्री हैं। यहां पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू की तेलुगू देशम पार्टी, एक्टर पवन कल्याण की जनसेना और बीजेपी गठबंधन एक साथ चुनाव लड़ रहे हैं। अरुणाचल प्रदेश में पेमा खांडू के नेतृत्व में बीजेपी की सरकार है। जबकि सिक्किम में प्रेम सिंह तमांग के नेतृत्व में सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा की सरकार है। बीजेपी गठबंधन में है। इसके अलावा स्थानीय पार्टियां भी चुनाव में उतरी हैं।

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