रायपुर। रायपुर के अंबेडकर अस्पताल की नर्सों की हड़ताल नर्सिंग ऑफिसर एसोसिएशन के बैनर तले 1 से 4 फरवरी तक चली। अब नर्सेस काम पर लौट चुकी हैं। हड़ताल के दौरान भी नर्सों ने मरीजों का ध्यान रखते हुए ही अपना विरोध प्रदर्शन किया। अस्पताल में सुबह 8 बजे की शिफ्ट पर आकर ये नर्से 1 घंटे मरीजों को सेवा देने के बाद आंदोलन पर चली गईं थीं।
संगठन की अध्यक्ष डॉ. रीना राजपूत ने बताया कि छत्तीसगढ़ राज्य के चिकित्सा शिक्षा विभाग के अंतर्गत काम करने वाले नर्सिंग स्टाफ के ग्रेड पे, वेतन विसंगति, नर्सिंग अलाउंस में पिछले 7 सालों से कई तरह की गड़बड़ियां हैं। साल 2018 में वेतन विसंगति को दूर कराने के लिए गठित कमेटी के अनुशंसा भी लागू नहीं हो पाई है, जिसकी वजह से उन्हें दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इन्हीं समस्याओं को दूर करने के लिए यह हड़ताल की गई थी। नर्सेस चाहती हैं कि उन्हें ड्रेस भत्ता, नर्सिंग भत्ता, जैसे मूलभूत अधिकारों से वंचित ना रखा जाए। डॉ. रीना राजपूत ने बताया कि फिलहाल 4 फरवरी की दोपहर के बाद से नर्सेस काम पर पूरी तरह लौट चुकी हैं और शासन तक ज्ञापन के जरिए अपनी मांगों से अवगत कराया है।
संघ ने कहा कि, आने वाले समय में यदि इनकी मांगें पूरी नहीं की जाती है, तो 15 फरवरी को एक सामूहिक अवकाश लेंगी। इस दिन कोई भी नर्स अस्पताल में काम नहीं करेगी। इसके बावजूद भी अगर बात नहीं बनती तो, 15 मार्च से यह सभी नर्सेस अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चली जाएंगी।