अधिक बिल वसूली पर सुयश अस्पताल प्रबंधन को चेतावनी
कोरोना के इलाज में राजधानी सहित प्रदेश के कई निजी अस्पताल वसूली भाई बने हुए हैं
> कोरोना टेस्ट के नाम पर पुराने मरीजों से भी 900 रुपए की वसूली
> अधिकतर मरीज अनाप-शनाप दवाई की पर्चियों से परेशान
> प्राय:-प्राय: सभी निजी हास्पिटलों में या तो छुटभैया नेताओं की चलती है या बाउंसरों का उपयोग होता है, मरीज के परिजन असहाय स्थिति में रहते है
> लूट की सीमा पार मरीज पुरानी बीमारी के लिए तीन गुना तक अधिक फीस देने के लिए मजबूर
> अस्पताल नहीं नर्क खाना बन गया है। डर और दहशत में परिजन प्राइवेट हास्पिटल जाने से कतराते है
जसेरि रिपोर्टर। रायपुर। कोरोना के इलाज में राजधानी सहित प्रदेश के कई निजी अस्पताल वसूली भाई बने हुए हैं। इलाज के नाम पर लगातार अधिक बिल वसूले जाने की शिकायत मिल रही है। इसे देखते हुए कलेक्टर ने सभी जिला अस्पतालों में प्रशासनिक अधिकारी नियुक्ति कर दिए हैं, जो कोरोना के साथ ही अन्य बीमारियों के इलाज में आए खर्च के बिल की निगरानी करेंगे। इसके साथ ही पीडि़त कलेक्टर और सीएमएचओ से भी सीधे शिकायत कर सकते हैं। जिला स्वास्थ्य अधिकारी डा. मीरा बघेल ने बताया कि गुढिय़ारी रोड, कोटा स्थित सुयश अस्पताल में कोरोना मरीज से अधिक बिल वसूलने की शिकायत सामने आई है। कोरोना मरीज रघुनाथ प्रसाद साहू (50) को 29 सितंबर को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। डिस्चार्ज के बाद उसे एक लाख 82 हजार 830 रुपये का बिल थमा दिया गया। इलाज के लिए अधिक फीस की शिकायत प्रशासन स्तर तक पहुंची। पंचायत विभाग के निगरानी अधिकारी एनएल साहू ने पीडि़त का बिल कम कराया। साथ ही अस्पताल प्रबंधन को कठोर कार्रवाई करने की हिदायत दी। डा. मीरा ने सुयश अस्पताल में इलाज करा रहे पीडि़त रघुनाथ के 10 हजार और ज्योति राठौर के लगभग 35 हजार रुपये कम कराने की बात कही है। इधर, कोरोना का इलाज कर रहे राजधानी के सभी निजी अस्पतालों को कलेक्टर ने निर्देश देते हुए कहा है कि यदि इस तरह की शिकायत अब सामने आई, तो कोरोना के इलाज की अनुमति के साथ लाइसेंस भी निरस्त किया जा सकता है।
मिल रही थी शिकायतें
निजी अस्पतालों को कोविड-19 मरीजों के इलाज की स्वीकृति देने के बाद लोगों द्वारा अधिक बिल वसूली की लगातार शिकायत मिल रही थी। साथ ही राजधानी सहित प्रदेश के कई बड़े निजी अस्पतालों में अधिक बिल लेने की बात को लेकर वीडियो भी वायरल होते रहे हैं। जबकि, होम आइसोलेशन में 10 दिनों का परामर्श शुल्क 2,500 तक ही निर्धारित किया गया है। मगर, कई अस्पतालों द्वारा अधिक राशि वसूल किए जाने की भी शिकायतें प्रशासन के पास हैं।
कांग्रेस के छग प्रभारी पीएल पुनिया संक्रमित, प्रदेश में 2688 नए मरीज
प्रदेश में कोरोना से 135 दिनों में 1236 मरीजों की मौत हो चुकी है। शनिवार को रायपुर में 5 समेत 39 मरीजों की मौत हुई है। प्रदेश में कोरोना से पहली मौत 29 मई को हुई थी। तब से अब तक रोज औसतन 9 मरीजों की मौत हो रही है। जबकि अक्टूबर के 10 दिनों में 278 मरीजों की मृत्यु हुई है, यानी रोजाना औसतन 28 लोगों की जान कोरोना से जा रही है। इसमें से भी 122 लोगों की मृत्यु की वजह सिर्फ कोरोना है, उन्हें कोई दूसरी बीमारी नहीं थी। वहीं शनिवार को प्रदेश कांग्रेस प्रभारी पीएल पुिनया की रिपाोर्ट पॉजिटिव आई है। इधर, पिछले 24 घंटे में रायपुर में 328 समेत प्रदेश में 2688 नए मरीज मिले हैं। इसे मिलाकर प्रदेश में पॉजिटिव केस की संख्या 140258 हो गई है, जिनमें से एक्टिव केस 27369 हैं। रायपुर में अब तक 37205 मरीज मिल चुके हैं। इनमें से 9401 अभी अस्पतालों में भर्ती हैं, बाकी स्वस्थ हो चुके। प्रदेश में 111654 व रायपुर में 2316 मरीज स्वस्थ हो चुके हैं। सीनियर कार्डयिक सर्जन डॉ. कृष्णकांत साहू व हिमेटोलॉजिस्ट डॉ. विकास गोयल के अनुसार स्वाब सैम्पल में देरी की वजह से अब गंभीर मरीजों की संख्या बढ़ गई है। इसलिए अस्पतालों में ऑक्सीजन व आईसीयू बेड की जरूरत है। यही कारण है कि अभी भी आइसोलेशन वार्ड में गंभीर मरीजों की मौत हो रही है।
निजी अस्पतालों में कोरोना के इलाज के लिए अधिक राशि वसूलने की शिकायत को देखते हुए प्रत्येक अस्पताल में प्रशासनिक अधिकारी नियुक्त किए गए हैं, जो इलाज के दौरान बिल की निगरानी करेंगे। किसी तरह की अनियमितता पर तुरंत कार्रवाई होगी। समस्या आने पर पीडि़त सीधे शिकायत कर सकता है।
- डॉ. एस भारतीदासन, कलेक्टर, रायपुर
सुयश अस्पताल में अधिक बिल की शिकायत आने पर बिल कम कराया गया है। इसके साथ ही राजधानी के अन्य बड़े निजी अस्पताल जहां कोरोना मरीजों का इलाज किया गया है, वहां भी अधिक बिल वसूलने की शिकायत मिली है। इन मामलों की जांच हो रही है। ऐसी स्थिति में अस्पतालों के इलाज की अनुमति और लाइसेंस रद हो सकते हैं।
- डॉ. मीरा बघेल, जिला चिकित्सा एवं
स्वास्थ्य अधिकारी, जिला-रायपुर