पिता के निधन के बाद संभाला घर, अब फौजी बना युवक

Update: 2024-12-21 07:48 GMT

सक्ति। लगभग दस वर्षों पूर्व अपने पिता को खो दिया था। उसके बाद पूरी जिम्मेदारी राजाराम खटर्जी पर आ गया। इस युवक ने कठोर परिश्रम करते पढ़ाई की और एसएससी में जीडी परीक्षा में सफलता हासिल की है। राजाराम जी के जज़्बे और सफलता को हर कोई सलाम कर रहे है।

बता दें कि जांजगीर के ग्राम पंचायत मुलमुला निवासी 23 वर्षीय सुरेश पटेल का चयन बीएसएफ(बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स) में हुआ है। वे एसएससी कांस्टेबल भर्ती परीक्षा में शामिल हुए थे। भर्ती परीक्षा पास करने के बाद उनका चयन बीएसएफ में हुआ। सुरेश पटेल के पिता बरसाती पटेल पेश से किसान हैं। बीएसएफ में चयन होने पर गांव में हर्ष है।

थल सेना में बने लेफ्टिनेंट

जांजगीर जिले के युवक स्वयं केशरवानी का चयन थलसेना में लेफ्टिनेंट के पद पर हुआ है। वे मूलत: नवागढ़ के रहने वाले हैं। वे भारतीय सेना जॉइन कर देश सेवा करना चाहते थे। स्वयं केशरवानी ने अपनी प्राथमिक शिक्षा सरस्वती शिशु मंदिर नवागढ़ में ली। इसे बाद कक्षा 6वीं से लेकर 12वीं तक की पढ़ाई सैनिक स्कूल अंबिकापुर में की। इसके बाद उन्होंने यूपीएससी द्वारा आयोजित एनडीए प्रवेश परीक्षा पास की। उनका चयन पुणे के सैन्य अकादमी के लिए हुआ। उन्होंने वहां तीन साल शिक्षा लेने के बाद आईएमए देहरादून में एक वर्ष की शिक्षा प्राप्त कर पासआउट हो गए हैं। उनका चयन लेफ्टिनेंट के पद पर किया गया। वे रूपेश केशरवानी व रेखा केशरवानी के बेटे व सृजल केशरवानी के भाई हैं।

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