बांधों के भराव के बाद अतिरिक्त पानी को नदी-नालों में नहीं नहरों में छोड़ें

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Update: 2024-08-05 08:06 GMT

रायपुर । आषाढ़ माह में अवर्षा की स्थिति के चलते पनपे अकाल की संभावना पर सावन माह में अभी तक हुये बारिश ने फिलहाल विराम लगा दिया है पर इस बारिश के बाद भी प्रदेश के कई तहसीलों में स्थिति बेहतर नहीं है । इधर बारिश की वजह से बांधों में जल भराव की स्थिति काफी बेहतर हुयी है और कई बांधों से जहां भराव के बाद अतिरिक्त पानी को नदी - नालों में छोड़ा जा रहा है वहीं कई बांधों से छोड़े जाने के कगार पर है । इस अतिरिक्त पानी को नदी - नालों में न छोड़ व्यापक ‌किसान हित में नहरों में छोड़ने की मांग जल संसाधन मंत्री केदार कश्यप को मेल से ज्ञापन भेज किसान संघर्ष समिति के संयोजक भूपेन्द्र शर्मा ने की है ।

‌ ज्ञातव्य हो कि प्रदेश में 46 छोटे - बड़े बांध है जिसमें से अधिकांश आषाढ़ माह बीतने तक अवर्षा की स्थिति के चलते खाली पड़े थे पर सावन माह में शुरुआत से अब तक हुयी बारिश से बांधों में जल भराव की स्थिति में सुधार हुआ है और कई बांधों में पूर्ण भराव के बाद अतिरिक्त पानी को नदी - नालों में छोड़ा जा रहा है वहीं कई बांधों से नदी - नालों में पानी छूटने के कगार पर है । प्रेषित ज्ञापन में सामयिक परिस्थिति ‌के परिपेक्ष्य में ‌बाधो में भराव के बाद अतिरिक्त पानी को नदी - नालों में छोड़े जाने को पानी की बर्बादी ठहराते हुये व्यापक किसान हित में इसे नहरों में क्षमतानुसार छोड़ने की मांग की गयी है।

ज्ञापन में बताया गया है कि इससे बांधों के कमांड क्षेत्र में आने वाले सिंचाई पानी के कमी वाले ग्रामों को सामयिक सिंचाई पानी मिल सकेगा वहीं नहरों में इस पानी के भराव से जहां आवश्यकता पर बांधों के पट खोलने से अंतिम छोर तक पानी पहुंचने में जो समय लगता है उसकी बचत होने के साथ - साथ जरुरत होने पर अन्य माइनरों व वितरक शाखाओं के किसान भी इसका उपयोग करने के साथ - साथ तालाबों को भी भर सकेंगे । इस संबंध में आवश्यक आदेश जारी करने की अपेक्षा श्री कश्यप से ज्ञापन में की गयी है।

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