लंबे इंतजार के बाद एक्सप्रेस-वे के दो फ्लाईओवर शुरू

Update: 2021-11-29 05:16 GMT
  1. दिसंबर तक पूरे होंगे 5 ओवरब्रिज
  2. रिंग रोड-1 से शंकरनगर तक एक्सप्रेस-वे पर ट्रैफिक शुरू

जसेरि रिपोर्टर

रायपुर। शहर के ट्रैफिक जाम को कम करने रायपुर धमतरी छोटी रेल लाइन पर करीब 300 करोड़ की लागत से एक्सप्रेस-वे का निर्माण किया जा रहा है। मई 2019 में एक्सप्रेस-वे को ट्रायल के लिए खोला गया था, लेकिन 11 अगस्त 2019 को तेलीबांधा ओवरब्रिज का एक हिस्सा धसक गया था। उसके बाद अलग-अलग जांच एजेंसियों से इसकी जांच कराई गई औैर काम रुक गया। विभाग ने जिम्मेदारों पर कार्रवाई कर एक्सप्रेस-वे बनाने का काम दोबारा शुरू किया। लेकिन कोरोना और लॉकडाउन की वजह से काम खत्म करने की डेडलाइन हर बार आगे बढ़ती गई।

कई तरह के विवादों और लंबे इंतजार के बाद एक्सप्रेस वे के 2 ओवरब्रिज पर ट्रैफिक शुरू कर दिया गया है। राजातालाब-शंकरनगर और तेलीबांधा ओवरब्रिज से लोगों का आना-जाना शुरू हो गया है। यहां गाडिय़ां भी दौड़ रही हैं। एक्सप्रेस वे के पांच ओवरब्रिज में 2 का काम पहले ही पूरा हो गया था। बाकी 3 ओवरब्रिज के काम को पूरा करने के लिए जून 2021 तक का समय दिया गया था, लेकिन कोरोना की वजह से इस डेडलाइन को बढ़ाकर 31 दिसंबर कर दिया गया। अफसरों का कहना है कि पंडरी, देवेंद्रनगर और फाफाडीह ओवरब्रिज का काम केवल 30 फीसदी ही बाकी है। सड़क और ब्रिज बनाने का काम 70 फीसदी पूरा हो गया है। केवल तकनीकी जांच ही बाकी है। कई तरह के सुरक्षा सर्टिफिकेट लेने के वजह से अधिकृत रूप से ब्रिज को हर हाल में जनवरी 2022 में शुरू कर दिया जाएगा। एक्सप्रेस वे के पांचों ओवरब्रिज का काम तय समय में पूरा हो इसलिए पांच अलग-अलग टीम से मौकों पर काम कराया जा रहा है। छत्तीसगढ़ सड़क विकास निगम (सीजीआरडीसी) तेलीबांधा और शंकरनगर ओवरब्रिज बनाने का काम पूरा कर लिया है। 3 ओवरब्रिज बनाने का काम भी थोड़ा ही बाकी है।

नवा रायपुर पहुंचन 25 मिनट लगेंगे: राजधानी के लोगों को केनाल रोड के बाद एक्सप्रेस-वे के पूरी तरह से शुरू होने के बाद बड़ी राहत मिलेगी। इसका असर शहर में लगातार लगने वाले ट्रैफिक जाम पर भी होगा। शहर के कई मुख्य चौराहों से ट्रैफिक का दबाव कम होगा। इतना ही नहीं नई सड़क के शुरू होने के बाद नवा रायपुर और रायपुर की दूरी भी महज 20 से 25 मिनट की रह जाएगी। एक्सप्रेस-वे जेल रोड से स्टेशन रोड, केनाल रोड, तेलीबांधा, वीआईपी रोड, मोवा लोधीपारा रोड के इर्द-गिर्द के 70 हजार से ज्यादा लोगों को आसान रास्ता देगा। यही नहीं, इस सड़क का करीब 5 किमी हिस्सा शहर से गुजर रहा है, जिसके दोनों ओर 10 वार्डों में रहनेवालों को भी इसके शुरू होने से राहत मिलेगी।

एक्सप्रेस-वे के सभी पांच फ्लाइओवर कंसल्टेंट एजेंसी की देखरेख में बन रहे हैं। निर्माण पूरा होने के बाद तीन एजेंसियां इसकी गुणवत्ता की जांच करेंगी। सबसे पहले राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी) के एक्सपर्ट इस ब्रिज और सड़क की जांच करेंगे। इसके बाद पीडब्ल्यूडी की लैब में मटेरियल की क्वालिटी की जांच करेंगे। आखिर में कंसल्टेंट कंपनी अपनी जांच रिपोर्ट देगी। तीनों रिपोर्ट एक जैसी यानी पूरी तरह से पॉजीटिव होने के बाद ही ट्रैफिक शुरू होगा।

तेलीबांधा ओवरब्रिज पर हादसे की वजह से बंद हुए एक्सप्रेस-वे का दोबारा निर्माण हुआ तो यही ओवरब्रिज सबसे पहले बना। उस पर ट्रैफिक शुरू हो गया है। ब्रिज बनने के बाद की उसकी तीन स्तर पर सेफ्टी ऑडिट होती है। सेफ्टी ऑडिट के बाद तेलीबांधा फ्लाइओवर से फुंडहर मोड़ होकर शदाणी दरबार यानी धमतरी नेशनल हाईवे तक सड़क खोली जा सकती है। बचा काम पूरा होते ही स्टेशन से शदाणी दरबार तक 12 किमी की सड़क पूरी तरह से शुरू कर दी जाएगी।

-वीके भतपहरी, ईएनसी, पीडब्लूडी

एक्सप्रेस वे का काम हर हाल में मार्च तक पूरा कर लिया जाएगा। वहां के सभी ओवरब्रिज लगभग तैयार है।

वीके भतपहरी, ईएनसी, पीडब्लूडी

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