एसीबी छापे में अब तक 5 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति का पता चला
बहुराज्यीय कंपनियों से स्वजनों के खाते में पहुंचे करीब एक करोड़ रुपये
75 लाख की हाइवा, जेसीबी, कांक्रीट मिक्चर मशीन की मिली जानकारी
रायपुर (जसेरि)। एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) और आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (ईओडब्ल्यू) की कार्रवाई में आइपीएस अधिकारी जीपी सिंह के 15 ठिकानों से अब तक पांच करोड़ की चल-अचल संपत्ति की जानकारी मिली है। लगातार दूसरे दिन की जांच में दस्तावेजों और जानकारियों के आधार पर कई लोगों से पूछताछ की गई है। उम्मीद की जा रही है कि इसके आधार पर आगे की कार्रवाई होगी।
एसीबी के आला अधिकारियों ने बताया कि एडीजी जीपी सिंह की पत्नी और बेटे के नाम पर 75 से अधिक बीमा संबंधी दस्तावेज मिले हैं। इसमें लाखों रुपये का प्रीमियम के रूप में भुगतान हुआ है। एक से अधिक अविभाजित हिन्दू परिवार (एचयूएफ) अकाउंट बनाए गए हैं, जिनके आय एवं व्यय की गणना की जा रही है। इसी तरह बैंकों और डाकघरों में कई खातों की जानकारी मिली है, जिसकी गणना की जा रही है।
अधिकारियों ने बताया कि अब तक की जांच में 35 अवसरों पर शेयर और म्यूचुअल फंड में बड़ी राशि का निवेश किया गया है। अब तक की जांच में 1.5 करोड़ के निवेश की पुष्टि हुई है। पोस्ट आफिस से सावधि जमा के खाते पाए गए हैं। गणना अब तक जारी है। आंकड़ों में और वृद्धि की संभावना है। जांच में परिजनों के नाम पर 75 लाख की हाइवा, जेसीबी, कांक्रीट मिक्चर मशीन की जानकारी मिली है।
जमीन, मकान और फ्लैट में राज्य और राज्य के बाहर निवेश की जानकारी मिली है, जिसका आकलन किया जा रहा है। जांच में कई बहुराज्यीय कंपनियों में स्वजनों के बैंक खाते में एक करोड़ से अधिक की राशि जमा होने की पुष्टि हुई है। अग्रिम जांच पर यह रकम और बढऩे की संभावना है। जांच दल को निवास स्थान पर लगे सीसीटीवी के डीवीआर का अब तक पता नहीं चला है। इसकी खोज की जा रही है।
कई लोगों से पूछताछ जारी: जीपी सिंह के साथ काम कर रहे पुलिस अधिकारियों, उनके मित्रों, रिश्तेदारों से लगातार पूछताछ जारी है। जांच टीम का कहना है कि आज भी कई ऐसे लोगों से पूछताछ की गई है जो लगातार जीपी सिंह के संपर्क में थे और जिनके साथ सिंह के व्यवसायिक संबंध हो सकते हैं। इनसे पूछताछ के बाद कुछ नए तथ्य सामने आए हैं और कुछ और जानकारियां मिली है। उसके मुताबिक छापामार कार्रवाई और जांच जारी रहेगी जिससे कुछ चौंकाने वाले तथ्य भी मिल सकते हैं।
गायब कर दिया सीसीटीवी का डीवीआर : जीपी सिंह के बंगले में चारों तरफ पीसी टीवी कैमरे लगे हुए हैं। इन कैमरों के रिकॉर्डिंग की जो डीवीआर मशीन होती है उसे गायब कर दिया गया है। पुलिस कल से ही सीसीटीवी के डीवीआर की तलाश कर रही है लेकिन अभी तक उसे सफलता नहीं मिल पाई है। एसीबी के अधिकारियों का मानना है कि सीसीटीवी फुटेज में जरूर कुछ ऐसे लोगों का सिंह के बंगले में आना जाना रिकॉर्ड हुआ है जो नहीं चाहते कि उनका संबंध जीपसी से निकले। साथ ही इन कैमरों में कुछ लेनदेन के विजुअल भी होंगे। साजिश में शामिल लोगों के चेहरे सामने ना आ पाए इसलिए इस डीवीआर को गायब कर दिया गया है। इसे लेकर जीपी सिंह और उनके परिवार के सदस्यों, स्टाफ से भी पूछताछ की जा रही है।
ईडी भी हो सकती है जांच में शामिल : एसीबी के आला अधिकारियों ने बताया कि आय से अधिक संपत्ति और अनैतिक तरीके से संपत्ति अर्जित करने के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) भी जांच कर सकती है। वहीं, आयकर विभाग ने अपनी जांच अलग से शुरू कर दी है।
शनिवार दोपहर तक चलेगी जांच : बताया जा रहा है कि एसीबी की टीम शनिवार दोपहर तक सभी 15 ठिकानों पर जांच पूरी कर लेगी। अब तक संपत्ति का आकलन किया जा रहा है। साथ ही टीम इलेक्ट्रानिक डिवाइस की तलाश कर रही है। चर्चा है कि सरकार को परेशानी में डालने वाले कुछ दस्तावेज जीपी सिंह के पास हो सकते हैं। ऐसे में टीम एक-एक चीज की गंभीरता से जांच की जा रही है।
डायरी मिलने की चर्चा, पूर्व अफसरों के नाम : चर्चा है कि जीपी सिंह के घर से एक डायरी भी मिली है, जिसमें पिछली सरकार के कुछ ताकतवर अधिकारियों के नाम हैं। एक अधिकारी सरकार का खास था, तो दूसरा पुलिस में सबसे ताकतवर अफसर था। हालांकि, कांग्रेस सरकार बनने के बाद एक अधिकारी ने प्रदेश छोड़ दिया। वहीं, पुलिस अधिकारी को निलंबित कर दिया गया है। इस डायरी के बारे में एसीबी की तरफ से अब तक अधिकृत रूप से कोई जानकारी नहीं दी गई है।
हो सकते हैं सस्पेंड : जीपी सिंह पर एसीबी ने एफआइआर दर्ज कर लिया है। अब एक-दो दिन में सरकार उनके निलंबन का आदेश जारी कर सकती है। चर्चा है कि जीपी सिंह के खिलाफ एक और एफआइआर दर्ज की जा सकती है, जिसकी तैयारी अफसरों ने शुरू कर दी है।