वसूली शुरू, नहीं देने पर संपत्ति होगी कुर्क
जसेरि रिपोर्टर
रायपुर। सरकारी राशन दुकानों से चावल की गड़बड़ी सामने आने के बाद वसूली शुरु हो गई है। अब तक जिले की राशन दुकानों से गायब 14 हजार क्विंटल चावल में तकरीबन 10 हजार किंवटल की वसूली हो गई है। हालांकि अभी भी चार हजार क्विंटल की वसूली बाकी है। रायपुर की 142 राशन दुकानों से राशन का स्टाक कम पाया गया था। इसमें 88 दुकानें तो शहरी इलाके की हैं। 54 दुकानें ग्रामीण क्षेत्रों की हैं।
खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति निगम के सचिव टोपेश्वर वर्मा का कहना है कि जितनी दुकानों में अनियमितता की पुष्टि हुई है, इसकी रिपोर्ट सभी जिलों से मंगवाई जा रही है। अब तक लगभग 50 प्रतिशत जिलों से इसकी रिपोर्ट आ चुकी है। सभी जगह से रिपोर्ट आने के बाद कार्रवाई की जाएगी। सितंबर 2022 ऑनलाइन क्लोजिंग स्टाक के दौरान राशन कम होने का खुलासा हुआ था। कोरोना के दौरान राशन दुकानों में ज्यादा गड़बड़ी की बात सामने आई है, क्योंकि उस समय राशन देने के लिए बायोमेट्रिक उपस्थिति से छूट दी गई थी। इसी की आड़ में दुकान संचालकों द्वारा हितग्राहियों की बजाय किसी की भी फोटो खींच कर अपलोड कर और इसके आधार पर ही राशन जारी कर दिया था। फूड विभाग ने वर्तमान में 69 दुकानों से राशन और राशि की वसूली कर ली है। 11 राशन दुकानों के आरआरसी जारी किया है वहीं 37 राशन दुकानों को वसूली के लिए नोटिस जारी किया है। राशन दुकानों से कालाबाजारी रोकने के लिए शासन ने विभाग को एक करोड़ से ज्यादा की मशीनें दी है। केवल बायोमेट्रिक उपस्थिति पर ही राशन दिया जाना है, लेकिन इसके बावजूद दुकानों से अवैध रूप से खरीदी बिक्री चल रही है।
विभाग दुकानों से तीन प्रकार से कर रहा वसूली : दुकान संचालकों अगर दुकान में सेम क्वालिटी का चावल रख रहे हैं तो उन पर कार्रवाई नहीं की जा रही है। वहीं चावल ना रखने वालों के खिलाफ आरआरसी जारी कर दुकान संचालक की संपत्ति कुर्क करने जैसी कार्रवाई की तैयारी है। इसके साथ ही दुकान संचालकों के खिलाफ एफआईआर की भी करायी जा सकती है।
4,900 राशन दुकानों से 42 हजार टन चावल की हेराफेरी : विभागीय आंकड़ों के अनुसार प्रदेशभर की तकरीबन 4,900 राशन दुकानों से लगभग 42 हजार टन चावल की हेराफेरी की गई है। वहीं, विभागीय अमला बिना दुकानों के गोदाम की क्षमता जांचे ही राशन दुकानों को पिछले तीन वर्षों से चावल का आवंटन करता जा रहा है। इसकी वजह से अब दुकानों की जांच में स्टाक कम देखने को मिल रहा है। वहीं, अब जिले के अधिकारी राशन दुकानों पर कार्रवाई करते हुए पांच तरीके से रिकवरी की तैयारी में हैं। इसके अलावा एफआइआर और वैधानिक कार्रवाई को अंतिम विकल्प के रूप में रखा गया है। इसी बीच अब तक प्रदेश के 33 जिलों में से आधे जिलों से भी राशन दुकानों में अनियमितता की रिपोर्ट नहीं आई है, जबकि इसके लिए 23 मार्च तक सभी जिलों को रिपोर्ट पेश करने का समय दिया गया था।
खाद्य नियंत्रक रायपुर, कैलाश थरवानी ने बताया कि राशन दुकानों से वसूली की कार्रवाई शुरु कर दी गई है। 10 अप्रैल तक सभी दुकानों से वसूली प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी।
फैक्ट फाइल
३३ जिले
13,487
कुल राशन दुकानें
11,844
ग्रामीण क्षेत्रों की दुकानें
1,643
शहरी क्षेत्रों की दुकानें
4,900
से ज्यादा दुकानों में अनियमितता
42
हजार टन का स्टॉक गायब