विधायक चंदन कष्यप ने कहा कि सरकारी नौकरी के अवसर सीमित है, इसलिए जरूरी है कि युवा अपने आप को अपनी रूचि के अनुसार किसी भी कला से जोड़कर स्वयं का व्यावसाय करें और अन्य लोगों को भी रोजगार के अवसर उपलब्ध करायें। उन्होने कहा कि जिले में पहली बार आयोजित कार्यक्रम में कुछ कमियां रही है, जिसमें सुधार कर भविष्य में इस आयोजन को और अधिक भव्य तथा गरिमामयी ढंग से आयोजित किया जायेगा। उन्होंने इस महोत्सव में सहभागिता निभाने वाले जिला प्रषासन, संस्था पंखुडी सेवा समिति, दुकानदारों और प्रत्यक्ष तथा अप्रत्यक्ष रूप से हिस्सेदारी निभाने वालों को सफल आयोजन हेतु धन्यवाद एवं बधाई दी। इस अवसर पर जिला पंचायत अध्यक्ष श्यामबती नेताम, जिला पंचायत उपाध्यक्ष देवनाथ उसेण्डी, नगर पालिका अध्यक्ष सुनीता मांझी, नगर पालिका उपाध्यक्ष प्रमोद नेलवाल, के अलावा एसडीएम जितेन्द्र कुर्रे, जिला षिक्षा अधिकारी जीआर मंडावी, सहायक आयुक्त आदिवासी विकास संजय चंदेल के अलावा क्षेत्र के अन्य जनप्रतिनिधि एवं अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित थे।
वहीं जिला पंचायत उपाध्यक्ष श्री देवनाथ उसेण्डी ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेष बघेल के नेतृत्व में जिले में ऐसा आयोजन हुआ है। जिजले के कलाकारों को राज्य निर्माण के बाद सम्मान प्रदान किया गया है। दूसरे प्रदेषों से आये कलाकारों द्वारा अपने राज्य की सबसे अच्छी सामग्री जिले वासियों केलिए लेकर आये हैं। ताकि जिलेवासियों को भी दूसरे राज्यों की कला को करीब से देखने और समझने का अवसर मिल सके। वहीं श्री रजनू नेताम ने कहा कि बांस षिल्प से जुड़े षिल्पियों को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने के उद देष्य से इस बांसषिल्प केन्द्र की स्थापना की थी, जो आज सार्थक नजर आ रही है। उन्होंने कहा कि बांस षिल्प से जुड़े षिल्पियों की कला न सिर्फ देष में बल्कि विदेषों तक फैली हुई है। यहां के कलाकार अंर्तराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना चुके है। उन्होंने इस सफल आयोजन के लिए जिला प्रषासन और पंखुड़ी सेवा समिति को बधाई दी। कार्यक्रम के अंत में विधायक श्री चंदन कष्यप ने इस महोत्सव में अपनी पूर्ण सेवा भावना के साथ काम करने समिति के सदस्यों, आयोजित विभिन्न प्रतियोगिता के प्रतिभागियों, बांस षिल्प के कलाकारों आदि को प्रषस्ति पत्र एवं शील्ड प्रदान कर सम्मानित किया। कार्यक्रम का संचालन नारायण प्रसार साहू और रीना मंडल ने किया। वहीं आभार प्रदर्षन पंखुडी सेवा समिति की अध्यक्ष श्रीमती खुषी ने किया।
ज्ञात हो कि इस महोत्सव में उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, बिहार सहित प्रदेष के जांजगीर चांपा, रायपुर, कोण्डागांव और नारायणपुर के कलाकारों ने बस्तर आर्ट, बेलमेटल ज्वेलरी, माटीकला, लौह षिल्प, बांस षिल्प, हैण्डलुम एवं हैंडीक्राफ्ट, काटन ड्रेस, ड्राईफ्लावर, चेदरी साड़ी, बेलमेटल, टेराकोटा, डिजाईनर ज्वेलरी, जरदोजी वर्क, चिकन वर्क, वूडन आर्ट, जयपुरी लाख, बैंगल होम डेकोर, साउथ पर्ल, कारपेट, कष्मीरी शॉल, सहारनपुर, फर्नीचर, बम्बू फर्नीचर, सिल्क मटेरियल, कोसा साड़ी फलकारी आदि के स्टॉल लगाये थे।।