जिले में अब तक कुल 15849 बच्चों को कुपोषण से लाया गया बाहर

छग

Update: 2023-06-01 17:28 GMT
सूरजपुर। मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की महत्वकांयोजना है। मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान का मुख्य उद्देश्य 06 माह से 03 वर्ष के बच्चों व 15 से 49 वर्ष की एनीमिक महिलाओं को लाभान्वित करना है। मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान 02 अक्टूबर 2019 से प्रारंभ किया गया है, जिसका मुख्य उद्देश्य 06 वर्ष तक के बच्चों को कुपोषण से मुक्त करना है।
कुपोषण व एनीमिया को दूर करने के लिए शासन की ओर से वर्तमान में संचालित योजनाओं में कमी की पहचान कर उसे दूर करना भी योजना का मुख्य उद्देश्य है। अत: 06 माह से 03 वर्ष तक के कुपोषित बच्चों को भी अतिरिक्त पोषण आहार गरम भोजन, पौष्टिक खिचड़ी के रूप में दिया जाना उचित होगा। आँगनबाड़ी केन्द्रों में दर्ज 06 माह से 03 वर्ष के कुपोषित बच्चों को बढ़ती उम्र में गर्म भोजन की ज्यादा आवश्यकता है, जो उन्हें विभाग की ओर से संचालित योजनाओं से नहीं मिल पा रहा है। ऑगनबाड़ी केन्द्रों में दर्ज 06 माह से 03 वर्ष के कुपोषित बच्चों को गर्म भोजन, पौष्टिक खिचड़ी उपलब्ध कराकर स्वास्थ्य में सुधार लाया जा सकता है। इस तारतम्य में वर्ष 2019-20 से मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान का संचालन किया जा रहा है।
वित्तीय वर्ष 2022-23 में मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान अंतर्गत जिले में कुल 700 सुपोषण प्रदर्शन केन्द्रों का संचालन किया जा रहा है। जिले के कुल 13308 कुपोषित बच्चों व 15 से 49 वर्ष की 13922 एनीमिक महिलाओं को गर्म भोजन, पौष्टिक खिचड़ी खिलाया जा रहा है व उनको स्वच्छता, पौष्टिक आहार गर्भवती महिलाओं को संस्थागत प्रसव के संबंध में बताया जा रहा है व संस्थागत प्रसव के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। हितग्राहियों के व्यवहार परिवर्तन पर कार्य किया जा रहा है। हेल्थ फ्राईडे के माध्यम से जिले के समस्त मध्यम कुपोषित बच्चों का 42 से अधिक स्वास्थ्य केन्द्रों में स्वास्थ्य परीक्षण कराया जा रहा है व आवश्यकतानुसार दवाईयां भी उपलब्ध कराई जाती है। मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के संचालन से जिला में वर्ष 2019-20 से अब तक कुल 15849 बच्चों को कुपोषण से बाहर लाया जा चुका है।
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