छत्तीसगढ़। कोराेना संकमण के बढ़ते मामलों के बीच उससे जुड़ी इलाज की दवाओं की कालाबाजारी शुरू हो गई है। इस बीमारी में सबसे कारगर माना जा रहा रेमडेसिविर इंजेक्शन बाजार से गायब हो चुका है। कोरोना संक्रमितों के इलाज के लिए कालाबाजारी करने वाले इसे मनमाने दामों में बेच रहे हैं। इस बीच राजधानी रायपुर से बड़ी खबर सामने आई है. खबर है, कि मौदहा पारा थाना क्षेत्र में पुलिस ने भारी मात्रा में रेमडेसिविर इंजेक्शन के साथ 4 आरोपियों को पकड़ा है. पुलिस ने बड़ी मेहनत और तत्परता से पकड़ा। मिली जानकारी के मुताबिक सभी आरोपी चर्चित व्यापारी नेता के रिश्तेदार बताए जा रहे है. पुलिस की मेहनत रंग लाई क्योंकि पुलिस ने प्रॉपर प्लानिंग कर शातिर व्यापारी नेता के गैंग को पकड़ा, जानकारी के अनुसार 4 हजार में रेमडेसिविर इंजेक्शन को लाकर 30 से 35 हजार प्रति इंजेक्शन बेच रहा था. जिसकी जानकारी साइबर सेल को किसी पीड़ित ने दी. जिसके आधार पर साइबर सेल ने जाल बिछाकर स्ट्रिंग कर गिरोह को पकड़ा। प्रतिदिन 6 से 10 रेमडेसिविर इंजेक्शन बेचने की सूचना प्राप्त हो रही है. ज्ञात रहे कि उक्त व्यापारी नेता पर्दे के पीछे रहकर अपने आप को बचाने में कामयाब रहा. मामले में जानकारी देते हुए सायबर सेल प्रभारी रमाकांत साहू ने बताया कि चारो आरोपियों को तात्यापारा चौक से पकड़ कर लाया गया है। आरोपियों में कमल रतलानी, सुमित कुमार , राहुल माहेश्वरी और राहुल गोलदानी का नाम शामिल है. पुलिस की जांच जारी है. आगे की जानकारी के लिए रिफ्रेश करते रहिए jantaserishta.com...
सरस्वती नगर थाने में भी रेमडेसिविर इंजेक्शन के साथ दो आरोपी को गिरफ्तार किया गया है.
दवाई असली या नकली इस पर भी संकय - अब पुलिस के लिए ये जांच का विषय है, कि दवा असली है, कि नकली, अगर आरोपियों से कड़ाई से पूछताछ की जाए तो नकली दवा फैक्ट्री का भी पर्दफ़ाश होगा।
खबर ये भी - व्यापारी नेता थाना पहुंचे है, और घौंस दिखा रहा है. और अपने आप को अखबार का मालिक और मीडिया घराना का बता रहा है.
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