जिला पंचायत सदस्य सहित 9 किसान गिरफ्तार, कलेक्ट्रेट के सामने दे रहे थे धरना
महासमुंद। जिले में धान उत्पादक किसानों के साथ सिस्टम की लूट का मामला सामने आया है। यहां अलग-अलग राइस मिलरों ने किसानों से धान खरीदा है, लेकिन कई सालों से उसकी कीमत का भुगतान नहीं कर रहे हैं। परेशान किसानों ने महासमुंद में रैली निकालकर कलेक्टर-एसपी को ज्ञापन देने की कोशिश की तो दोनों अफसर नहीं मिले। किसान कलेक्टर से मिलने की जिद पर कलेक्ट्रेट परिसर में ही सो गए। आधी रात को पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर मंडी में पहुंचा दिया।
छत्तीसगढ़ किसान-मजदूर महासंघ और किसान भुगतान संघर्ष समिति की अगुवाई में दर्जनों पीड़ित किसान मंगलवार दोपहर में महासमुंद कृषि उपज मंडी परिसर में इकट्ठा हुए। वहां उन्होंने कन्हारपुरी गांव के किसान कांतिलाल साहू को श्रद्धांजलि दी। किसानों का आरोप है कि 65 वर्षीय साहू ने बकाया भुगतान नहीं होने की वजह से आई आर्थिक दिक्कतों की वजह से कीटनाशक पीकर जान दे दिया है। वहां सभा के बाद तय हुआ कि कलेक्टर और एसपी को ज्ञापन देकर राज्यपाल, राज्य सरकार और कृषि विभाग के अफसरों तक अपनी मांग पहुंचाई जाए। किसान जब पहुंचे तो वहां कलेक्टर और एसपी नहीं मिले। नाराज किसानों ने कलेक्टर-एसपी से मिलने की जिद पकड़कर परिसर में ही धरना दे दिया। यह धरना रात तक जारी रहा।
किसानों को जब लगा कि सुनवाई नहीं होगी तो उन्होंने वहीं भोजन किया और दरी मंगाकर खुले में ही सो गए। रात 12 बजे के बाद पहुंची पुलिस ने जिला पंचायत सदस्य जागेश्वर जुगनू चन्द्राकर, किसान नेता तेजराम विद्रोही, पवन चन्द्राकर, तिलकराम साहू, मोतीलाल भोई, अजय साहू, टिकेश्वर प्रधान, मनोरंजन बरिहा, मदन प्रधान, हेमसागर प्रधान को गिरफ्तार कर लिया।