लंपी वायरस से ग्रसित 797 मवेशी उपचार के बाद पूरी तरह स्वस्थ

Update: 2023-08-29 11:51 GMT

अम्बिकापुर। कलेक्टर कुंदन कुमार के मार्गदर्शन पर जिले में लम्पी स्कीन रोग से पशुओं के बचाव और उनके उचित उपचार के लिए पशुपालन विभाग द्वारा लगातार कार्यवाही जारी है। इसी क्रम में घुमन्तु पशुओं के उपचार हेतु बनाए गए अस्थायी सेंटरों में टीकाकरण तथा उपचार कार्य किया जा रहा है। प्राप्त जानकारी के अनुसार अब तक लंपी स्किन रोग के लगभग 1044 मवेशियों का चिन्हांकन किया गया है जिसमें से 797 से ज्यादा मवेशी पूरी तरह स्वस्थ हो चुके हैं। इनमें से 217 से ज्यादा मवेशियों का उपचार जारी है। इसके साथ मवेशियों को दुर्घटना से बचाने भी निरंतर रेडियम बेल्ट पहनाने और टैगिंग की कार्यवाही की जा रही है।

पशु चिकित्सा विभाग के उप संचालक ने बताया कि जिले में 813 पशुओं पर रेडियम बेल्ट एवं 512 पशुओं पर टैगिंग किया जा चुका है। कलेक्टर द्वारा रोग की रोकथाम के लिए पंचायत और पशुपालन विभाग को आपसी समन्वय करते हुए कार्ययोजना पर अमल करने निर्देशित किया गया है।लंपी स्किन रोग से मवेशियों को बचाने भी निरंतर कार्यवाही चल रही है। एक विषाणु (वायरल) जनित रोग है। जो मुख्यतः मच्छर मक्खी के काटने एवं दूसरे पशु के सम्पर्क में आने से फैलता है। लम्पी स्कीन रोग से रोकथाम एवं बचाव के उपाय टीकाकरण ही एकमात्र बचाव का तरीका है। इस रोग हेतु गोट पॉक्स टीका लगाया जाता है।

मवेशियों को रोग से बचाने पशुपालकों से अपील- नये जानवरों को अलग रखें और इस रोग से संक्रमित पशु को अलग रख के उसका उपचार करना चाहिए। उचित कीटनाशक का उपयोग कर मच्छर मक्खियों तथा अन्य बाह्य परजीवियों का नियंत्रण करना चाहिए। संक्रमित घुमंतु पशुओं को अस्थाई शेड में रखा गया है एवं शेष पशुओं को पशुपालकों के घर पर ही आइसोलेट कर उपचार किया जा रहा है।

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