आजादी के 75 साल बाद यहां के ग्रामीणों का जीवन होगा प्रकाशमय

Update: 2024-09-07 09:12 GMT

रायपुर। आजादी के 75 साल बाद जशपुर जिले के बगीचा ब्लॉक में स्थित महुआपानी गांव में आखिरकार वह दिन आने वाला है, जब अंधेरे को चीरते हुए पहली बार बिजली पहुंचने जा रही है। यह गांव विशेष पिछड़ी जनजाति कोरवा बाहुल्य है, जो अब तक बिजली जैसी बुनियादी सुविधा से वंचित था। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के संवेदनशील पहल से पीएम जनमन योजना के तहत इस गांव में बिजली पहुंचाने का कार्य स्वीकृत हुआ है।

महुआपानी गांव की यह बड़ी उपलब्धि तब संभव हो पाई जब ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री के कैंप कार्यालय में गांव में बिजली की समस्या को लेकर आवेदन दिया। उनकी समस्या को गंभीरता से लेते हुए त्वरित कार्रवाई की गई और अब गांव में बिजली की सुविधा आने वाली है। इस खबर से पूरे गांव में उत्साह का माहौल है और ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री को धन्यवाद दिया है।

गौरतलब है कि यह गांव जशपुर जिला मुख्यालय से 85 किलोमीटर दूर स्थित है और यहां 100 से अधिक परिवार रहते हैं, जो वर्षों से बिजली के बिना कठिन जीवन बिता रहे थे। गांव में बिजली पहुंचने से शिक्षा, स्वास्थ्य, और रोजगार के नए अवसर खुलेंगे, जिससे ग्रामीणों के जीवन में एक नया बदलाव आएगा।

गांव के आलु राम, भदई राम, खुलु पैकरा और रामबिसाल यादव ने बताया कि बिजली आने की खबर से गांव में उत्सव जैसा माहौल है। उन्होंने इस ऐतिहासिक पहल के लिए मुख्यमंत्री श्री साय का आभार व्यक्त किया। ग्रामीणों का मानना है कि बिजली की सुविधा से उनके जीवन में बड़ा सुधार आएगा और उनके बच्चों की शिक्षा और रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। बिजली पहुंचने से कोरवा जनजाति के इस गांव में नई उम्मीदें जगी हैं और तकनीकी रूप से जुड़ने से उनके जीवन में एक बड़ा सकारात्मक बदलाव आएगा।

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