पिछले 7 दिनों में डेंगू के मिले 40 मामले, रामनगर बना हाटस्पाट
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में डेंगू का प्रकोप लगातार बढ़ता जा रहा है।
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में डेंगू का प्रकोप लगातार बढ़ता जा रहा है। राजधानी में जहां जनवरी 2021 से अब तक 113 मामले सामने आए हैं। वहीं पिछले सात दिनों में 40 डेंगू के मरीज मिले हैं। वहीं पिछले माह 47 केस मिले। अब तक रामनगर में 50 से डेंगू के मरीज सामने आए हैं। जो राजधानी के सभी क्षेत्रों से सर्वाधिक है। स्थिति को देखते हुए कलेक्टर ने यहां जांच और स्क्रीनिंग बढ़ाने के साथ क्षेत्रों में साफ-सफाई व दवा के छिड़काव को लेकर व्यवस्था बनाने के निर्देश दिए हैं।
स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक डेंगू को देखते हुए क्षेत्रों में हर दिन करीब 300 सैंपल जांचे जा रहे हैं। वहीं निगम और स्वास्थ्य विभाग की टीम जागरूकता अभियान भी चला रही है। स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग ने जिले के प्राइवेट अस्पतालों को डेंगू व मलेरिया के केस आने पर तुरंत जानकारी देने के निर्देश दिए हैं।
तीन वर्षों में सर्वाधिक मरीजों के आंकड़े
स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक तीन वर्षों में इस बार सर्वाधिक डेंगू के केस मिले हैं। वर्ष 2019 में 100, वर्ष 2020 में 11, वर्ष 2021 अगस्त तक 113 केस की पहचान की गई। अकेले जुलाई महीने की बात करें तो एक से 31 जुलाई 2019 में नौ, एक से 31 जुलाई 2020 को शून्य और एक से 31 जुलाई, 2021 को 47 मामले सामने आए।
दिन में काटते हैं डेंगू के मच्छर
चिकित्सकों ने बताया कि डेंगू के मच्छर गर्म क्षेत्रों में पनपते हैं। यह दिन के समय काटते हैं। इसकी इसकी उड़ने की क्षमता तीन से चार फिट होती है। इस तरह के मच्छर में सफेद और काले रंग की पट्टियां नजर आती हैं। डेंगू बीमारी के लक्षण तेज बुखार, उल्टी आना, शरीर पर लाल निशान आदि होते हैं। डेंगू मच्छर से बचाव के लिए मास्किटो क्वायल, रात के समय मच्छरदानी का प्रयोग करें, ताकि मच्छरों के कटने से होने वाले अन्य रोगों से भी बचा जा सके। फुल स्लीप के कपड़े पहने, हाथ-पैरों का कवर करना और बिस्तर को तीन फिट ऊंचा रखें।
राजधानी में वर्ष वार डेंगू के मामले
वर्ष - केस
2019 - 100
2020 - 11
2021 अगस्त तक - 113
सीएमएचओ, जिला-रायपुर डा. मीरा बघेल ने कहा कि डेंगू को लेकर जांच अभियान चला रहे हैं। हर दिन 300 तक सैंपल जांचे जा रहे हैं। रामनगर में सर्वाधिक मरीज मिले हैं। बस्ती वाले क्षेत्रों में जागरूकता के साथ ही जांच और काउंसिलिंग की सुविधाएं भी दी जा रही हैं।