कवर्धा (जसेरि)। कवर्धा पुलिस को बड़ी सफलता हाथ लगी है, अवैध गांजे के साथ चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने बताया कि ट्रक में गांजा लेकर जा रहे थे, जिसकी सूचना मुखबिर के जरिये मिली थी, वही आरोपियों के पास से 44 किलो गांजा बरामद की गई है. कीमत 8 लाख से अधिक बताया जा रहा है, चिल्फी थाने ने यह कार्रवाई की है. बता दें कि पुलिस अधीक्षक के दिशा निर्देश पर एवं अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक एवं अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक(क्राईम) के मार्गदर्शन में तथा नगर पुलिस अधीक्षक के नेतृत्व में संबंधी अपराधों में धरपक? के लिये अभियान चलाये जा रहे है।
लाखों के गांजे के साथ एक तस्कर गिरफ्तार
पुलिस ने घेराबंदी कर पकड़ा बिश्रामपुर। पुलिस अधीक्षक रामकृष्ण साहू के निर्देश के बाद अवैध कारोबार में लिप्त लोगों के विरूद्व पुलिस ताबड़तोड़ कार्रवाई कर रही है। इसी क्रम में चौकी बसदेई व थाना भटगांव की पुलिस ने मुखबिर की सूचना पर तीन अलग-अलग मामले में तीन लोगों को पकड़ा है। इनसे पांच किलो 700 ग्राम गांजा जब्त कर एनडीपीएस एक्ट के तहत कार्रवाई की है। कार्रवाई में शामिल पुलिस टीम के अधिकारी-कर्मचारियों को पुलिस अधीक्षक ने पुरस्कृत किया है। शुक्रवार को बसदेई पुलिस की टीम ने मुखबिर की सूचना पर ग्राम सिरसी में घेराबंदी कर राम अवतार उर्फ संतोष तूरी पिता देव नारायण तुरी उम्र 38 वर्ष निवासी सतनगर, थाना झिलमिली को पकड़ा जिसके कब्जे से दो किलो 100 ग्राम गांजा जब्त करते हुए आरोपी के विरूद्व धारा 20बी एनडीपीएस एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया। इस कार्रवाई चौकी प्रभारी बसदेई लक्ष्मी प्रसाद गुप्ता, प्रधान आरक्षक महेन्द्र यादव, प्रदीप उपाध्याय, आरक्षक महेन्द्र प्रताप सिंह, देवदत्त दुबे व प्रदीप सोनवानी सक्रिय रहे। दूसरे मामले में एसडीओपी प्रतापपुर अमोलक सिंह के मार्गदर्शन में शुक्रवार को थाना भटगांव की पुलिस ने मुखबिर की सूचना पर ग्राम सिवारीपारा-भटगांव में घेराबंदी कर दीपक बघेल पिता स्व. गुलाब बघेल उम्र 32 वर्ष निवासी पोड़ी, थाना पोड़ी, जिला कोरिया को पकड़ा। उसके कब्जे से तीन किलो गांजा जब्त कर आरोपित को गिरफ्तार किया गया। तीसरे मामले में थाना भटगांव की पुलिस ने गुरूवार को ग्राम डुमरिया में घेराबंदी कर मोटर साइकिल सहित उमाशंकर पिता चंद्रशेखर उम्र 30 वर्ष निवासी डुमरिया को पकड़ा जिसके कब्जे से छह सौ ग्राम गांजा जब्त किया गया।
रवि-आसिफ सहित कई लोकल गैंग भी बेच रहे नशा
जिलों में नारकोटिक्स सेल गठित होने के बाद नशा के सौदागरों पर धड़ाधड़ कार्रवाई हो रही है। सेल के गठन के बाद पुलिस एकदम से सक्रिय हो गई है जबकि इससे पहले लगातार तस्करी के बाद भी पुलिस नशा परोसने वाले तस्करों पर कार्रवाई से लगातार बचती रही थी। सिर्फ उन्ही तस्करों पर कार्रवाई हो पार रही थी जो अपनी गलती से जाल में फंस रहे थे। रायपुर नारकोटिक्स सेल की टीम ने उड़ीसा से एक बड़े ड्रग तस्कर को पकड़ कर लाई है लेकिन स्थानी तस्कर जिन्होंने यहां नशे का बीज डाला और गली-मोहल्लों के युवकों और शौकीनों को उसकता लत डाला उन पर पुलिस आज भी हाथ डालने से बच रही है। जनता से रिश्ता ने लगातार राजधानी में गांजा-शराब और ड्रग परोसने वाले कई नशा के सौदागरों को एस्सपोज किया है लेकिन इनकी धरपकड़ राजनीतिक संरक्षण और पुलिस बिरादरी से संबंध के चलते इन पर कार्रवाई नहीं हो रही है। राजधानी में रवि और आसिफ का गैंग सालों से मादक पदार्थों की तस्करी और धंधे में सक्रिय है लेकिन इन पर आजतक अंकुश नहीं लगा है। राजधानी में नारकोटिस्क सेल गठन होने के बाद एसएसपी के नेतृत्व में लगातार कार्रवाई तो कर रही है, लेकिन गुर्गों को ही पकड़ रही है। मुख्य सरगना तक तो पुलिस पहुंच ही नहीं पा रही है। पुलिस के भी संज्ञान में है कि राजधानी में किसके इशारे पर अवैध कारोबार का साम्राज्य संचालित हो रहा है। छोटे-मोटे पुडिय़ाबाजों पर पुलिस कहर तो बरपा रही है, लेकिन उनके आकाओं को कैसे बख्श रही है या उनके ठिकानों तक कैसे नहीं पहुंच पा रही है यह चिंतनीय विषय है। नारकोटिस्क सेल के गठन के बाद अपराधियों के हौसले तो जरूर पस्त हुए है, लेकिन तस्करों के सेहत पर इसका कोई असर अभी तक दिखाई नहीं दे रहा है। वे बेखौफ होकर अपने काम को अंजाम दे रहे है।
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