रायगढ़। सुबह सुबह बोईरदादर स्टेडियम, चक्रधरनगर के सामने करीब तीन साल की बच्ची रोते हुए सब्जी विक्रेताओं को मिली। सब्जी विक्रेताओं ने तत्काल डॉयल 112 और चक्रधरनगर थाना प्रभारी को सूचित किया। सूचना मिलते ही थाना प्रभारी निरीक्षक प्रशांत राव ने डॉयल 112 के स्टाफ आरक्षक शांति कुमार मिरी को बच्ची की वस्तुस्थिति का पता लगाने के निर्देश दिए।
मौके पर पहुंची डॉयल 112 की टीम ने बच्ची से बातचीत की, जहां बच्ची ने तोतली आवाज में अपना नाम 'नब्बू' और पिता का नाम 'राजकुमार' बताया, लेकिन घर का पता नहीं बता सकी। स्थानीय सब्जी विक्रेताओं ने बताया कि वे बच्ची को पिछले दो घंटे से देख रहे थे, लेकिन कोई उसे ढूंढने नहीं आया था। पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए बच्ची को गोद में लेकर आसपास के दुकानदारों और स्थानीय निवासियों से परिजनों का पता लगाने का प्रयास किया। काफी खोजबीन के बाद तिलक स्कूल के पास एक युवक ने बच्ची को पहचानकर उसे संजय नगर का निवासी बताया। संजय नगर पहुंचकर, बच्ची ने अपने घर की ओर इशारा किया, जिसके बाद पुलिसकर्मी उसे उसके घर लेकर गए। वहां बच्ची की बड़ी मम्मी ने बताया कि बच्ची के माता-पिता सुबह काम पर जाने से पहले उसे उनके पास छोड़ देते थे। संभवतः आज बच्ची उनके पीछे-पीछे निकल गई और बोईरदादर पहुंचकर रास्ता भटक गई।
पुलिस की तत्परता से बच्ची सकुशल परिजनों को सौंपी गई, जिसके लिए परिजनों ने पुलिसकर्मियों का धन्यवाद किया। थाना प्रभारी निरीक्षक प्रशांत राव की गंभीरता और डॉयल 112 स्टाफ के त्वरित कार्रवाई से इस मामले का सफल समाधान हुआ। विशेष रूप से डॉयल 112 के आरक्षक शांति मिरी, ईआरवी वाहन चालक अशोक बरेठ, और स्थानीय युवक ऋषभ तिर्की का इस कार्य में महत्वपूर्ण योगदान रहा। इन सभी की सामूहिक कोशिशों के चलते बच्ची को सुरक्षित उसके परिजनों तक पहुंचाया जा सका।