रवि डॉन पर 20 हजार का इनाम घोषित

Update: 2022-09-10 06:27 GMT

जनता से रिश्ता की मुहिम रंग लाई, माना हत्या कांड के बाद जागी पुलिस

रवि के काले कारोबार की शुरूआत से लेकर गिरफ्तारी तक छापी लगातार खबर

रवि डॉन के सिर से उठा राजनेताओं का हाथ, गिरफ्तारी पर घोषित हुआ इनाम

रवि डॉन के गुर्गों का छुटभैय्यै नेताओं ने फोन उठाना बंद किया

जसेरि रिपोर्टर

रायपुर। काले कारोबार का डान रविसाहू राजनेताओं के संरक्षण में इतना बढ़ा कि राजधानी में डान के नाम से कुख्यात हो गया। जनता से रिस्ता लगातार उसके काले कारनामों को बेबाकी से प्रकाशित करता रहा जिस पर पुलिस ने संज्ञान लेकर लगातार कार्रवाई कर डान के हौसले पस्त कर दिए। वहीं अब हत्या के मामले में गैंगवार चलाने वाले रवि साहू को गिरफ्तार करने के लिए एसएसपी ने 20 हजार रुपए का इनाम घोषित किया है। पुलिस ने इनाम की राशि तब घोषित किया जब रवि के सिर से राजनेताओं हाथ खींच लिए । इससे पहले रवि साहू का सट्टा, जुआ, पुडिय़ा, शराब, अफीम, चरस, सिरप तस्करी का कारोबार राजनीतिक संरक्षण से बेखौफ चलता था। पुलिस कभी उसके ठीहे तक नहीं पहुंच सकी। रवि साहू छुटभैया नेताओं के संरक्षण में छोटे पैमाने पर सट्टा -जुआ और गांजा बेचने से धंधे की शुरूआत की और देखते ही देखते 3-4 साल में राजधानी का डॉन बन गया। पुलिस तीन साल तक उस पर हाथ नहीं डाल पाई। राजधानी के हर कांड में जब रवि साहू का नाम आने लगा तो पुलिस के कान खड़े हो गए। पुलिस ने तत्काल रवि के नेटवर्क ौर उसके पीछे खड़े संरक्षकों की कुंडली निकाली तो उसमें कई बड़े और नामचीन नेताओं के नाम सामने आए। पुलिस ने कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए उन राजनेताओं को अप्रत्यक्ष रूप से रवि के सिर से हाथ खींचने की समझाइश दी जिसके बाद रवि साहू के खिलाफ कार्रवाई शुरू की। पहले रवि के गुर्गो को पकड़ा, फिर रवि को पकड़ा, अब हत्या के मामले में पुलिस ने रवि की गिरफ्तारी पर 20 हजार की इनाम घोषित की है। इससे साफ जाहिर हो रहा है कि जनता से रिश्ता ने जो आज तक रवि साहू के कारनामों की खबर प्रकाशित की वह सौ फीसदी सच साबित हो रही है।

माना थाना क्षेत्र में शराब खरीदी विवाद में लल्ला उर्फ विजेंद्र मारकंडे की हत्या के आरोप में फरार हिस्ट्रीशीटर हत्या कांड का साजिशकर्ता रवि साहू और उसके एक साथी नोहर के खिलाफ एसएसपी प्रशांत अग्रवाल ने इनाम की घोषणा की है। दोनों बदमाशों का पता बताने वाले को 20 हजार रुपये इनाम देने की घोषणा की है। मामले में एक और आरोपित की पुलिस ने गिरफ्तारी की है। अब तक घटना में शामिल नौ आरोपितों को गिरफ्तार किया गया है। उल्लेखनीय है कि रवि साहू कालीबाड़ी को हिस्ट्रीशीटर बदमाश है। उसके खिलाफ पूर्व में मारपीट, हत्या की कोशिश, गांजा तस्करी, अवैध शराब की बिक्री करने के कई मामले दर्ज हैं। इसके साथ ही रवि साहू गुर्गों के माध्यम से गांजा और सट्टा संचालित कराने का काम करता है।

यह है पूरा मामला

घटना पांच सिंतबर माना थाना क्षेत्र की है। तीन कार में आए बदमाशों ने विजेंद्र उर्फ लल्ला को घर से बाहर निकाला और उसकी हत्या कर दी। पकड़े गए आरोपितों के पूछताछ में सामने आया कि चार सिंतबर कर आरएस रेस्टोरेंट एवं फैमली ढाबा जो कि रवि साहू का है, में शराब के ज्यादा पैसा लेने की बात को लेकर माना बस्ती का विजेंद्र मारकंडे और उसके दोस्त संजय बंजारे से झगड़ा विवाद हुआ था। उसी झगड़े के कारण आरोपितों ने सबक सिखाने की ठगी।

रवि साहू के कहने पर उसके गुर्गे अगस्त विभार, निताई मंडल, संजय तांडी, रोहित सागर, अभिषेक सोनी, नानक तनेजा, प्रदीप चौहान, राजा शर्मा, विक्रम, नोहर सुबह करीबन साढे आठ बजे तीन कार में माना बस्ती पहुंचे। जहां विजेंद्र (25) को घर से निकालकर कार में बैठाकर माना बस्ती बाजार चौक में लाकर चाकू मारकर भाग गए। गंभीर रूप से घायल विजेंद्र की मौत हो गई।

कालीबाड़ी के बाद माना क्षेत्र में बनाना चाहता था वर्चस्व

जानकारी के अनुसार रवि साहू माना में ढाबा संचालित करने के अलावा क्षेत्र में अपना दबदबा कायम करना चाहता था। लल्ला माना बस्ती का ही रहने वाला था। उसने जब रवि के ढाबे में जाकर लड़ाई की तो यह किसी को रास नहीं आया। दबदबा बनाने के लिए सभी विजेंद्र उर्फ लल्ला के घर तीन कार में भर कर पहुंचे। अपहरण कर उसकी हत्या करवाई। कालीबाड़ी के बाद वह माना क्षेत्र में अपना एकतरफा वर्चस्व चलाना चाह रहा था।

रवि इतना बड़ा गैगस्टर कैसे बना?

मुंबई के डॉन की तरह रायपुर में रवि साहू ने अपना कारोबार मकड़ी की जाल की तरह फैला लिया है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार रवि साहू अपने सभी प्रकार के अवैध धंधे गांजा, सट्टा, अवैध शराब के धंधे को मुंबई के माफिया-डॉन की तरीकों को अपनाते हुए अंजाम दे रहा है। इस हत्या कांड से पहले पुलिस उसके अवैध कारोबार और आपराधिक गतिविधियों को खत्म करने कभी गंभीरता नहीं दिखाई। दबी जुबान हर पुलिस वाला उसके अवैध कारोबार को अच्छी तरह जानने की बात करता है, लेकिन वह अपनी नौकरी दांव पर लगा कर ऐसा कोई भी कार्य नहीं चाहते जिससे उनके बाल बच्चों के सामने रोजी-रोटी की समस्याएं खड़ी हो जाए। इसलिए पुलिस वालों ने डॉन माफिया रवि साहू को और उसके काले कारनामों को उसके बिछाए हुए मकडज़ाल को आंख बंद कर चलने के लिए छोड़ दिया है। अब सवाल यह है कि क्या रवि साहू इतना बड़ा डॉन बन गया है जो रायपुर शहर में मुंबई की तर्ज पर अफीम, चरस, गांजा, सट्टा और अवैध शराब का कारोबार चला रहा है। तब तो अब छुटभैय्या नेताओं के अलावा बड़े नेताओं पर भी उंगली उठने से नहीं रोका जा सकता। क्योंकि किसी भी पार्टी के नेता और विधायक ने उसके अवैध कारोबार का विरोध कर कभी भी उसके खिलाफ कार्रवाई करने की बात नहीं की जो अचंभित करता है। सब कुछ खुलेआम चल रहा है। उसे किसी भी प्रकार का डर नहीं रहा और पुलिस भी उसके खिलाफ किसी प्रकार की कड़ी कार्रवाई करते नहीं दिखती। अगर पुलिस कार्रवाई करती भी है तो वह उसके छोटे गुर्गों को पकड़कर असली अपराधी को पिछले दरवाजे से छोड़कर अपनी वाहवाही लूटने का दिखावा मात्र होती है। जानकारी के अनुसार पूरे लॉकडाउन की अवधि में सबसे बड़ा डॉन माफिया बनकर उभरने वाले रवि साहू गैंग छत्तीसगढ़ के सरजमीं पर खुलकर बोलने लगा है और डर फैला रखे थे कि मैं अब किसी का भी मर्डर करा सकता हूं किसी भी मीडियाकर्मी को मेरे एरिया में नहीं आने दूंगा और कभी भी किसी का भी मर्डर करा दूंगा। ऐसा उसके गुर्गे खुलेआम कालीबाड़ी, नेहरू नगर, शास्त्री बाजार, ईदगाह भाटा, कटोरा तालाब और सिविल लाईन में एलान करते हैं। अधिकतर छोटे पुलिस कर्मियों ने ये जानते हुए भी अपनी आँखें बंद कर ली। इन बातों से साफ है कि रवि को राजनीतिक और पुलिसिया दोनों संरक्षण प्राप्त था जिसके बदौलत वह अपने अवैध कारोबार को इतना बढ़ा सका।

रवि के पीछे आखिर कौन?

सवाल उठता है कि आखिर रवि के पीछे कौन है? कौन है जो उसे संरक्षण दे रहा है जिसके इशारे पर पुलिस भी उस पर हाथ नहीं डा पा रही थी। किसके संरक्षण में उसका हौसला इतना बुलंद हो गया कि वह अपने गुर्गो को अब हत्या तक करने के लिए भेजने लगा। पता चला है कि माना बस्ती में हुई इस हत्याकांड के बाद उसके इस संरक्षक ने भी हाथ खींच लिया है। तभी तो पुलिस अब उसकी सरगर्मी से तलाश कर रही है। यहां तक एसएसपी ने उसके ऊपर 20 हजार का इनाम तक घोषित कर दिया।

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