छत्तीसगढ़: हाट बाजार क्लिनिक योजना के माध्यम से 20 हज़ार लोगों को मिला मुफ्त इलाज
शासन की मंशा हो रही है साकार, लोगों में स्वास्थ्य के प्रति आ रही है जागरूकता।
बलरामपुर: स्वास्थ्य मानव जीवन की मूलभूत जरूरतों में से एक है। स्वास्थ्य के प्रति पिछले कुछ वर्षों में लोग अधिक सचेत और जागरूक हुए हैं। साथ ही गुजरते समय के साथ बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने की दिशा में उल्लेखनीय कार्य हुए है और यह सिलसिला लगातार जारी है। समूचे प्रदेश की तरह जिले में भी स्वास्थ्य सेवाएं सुदृढ़ हुई हैं तथा लोगों तक स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाने के लिए कारगर कदम उठाए गए हैं। चिकित्सा के क्षेत्र में प्रारंभिक उपचार को महत्वपूर्ण माना जाता है अर्थात् लक्षण के आधार पर यदि शुरुआत में ही बीमारी के लिए प्रशिक्षित चिकित्सक से समुचित उपचार प्राप्त कर लिया जाए तो गंभीर या अप्रिय स्थिति निर्मित होने की संभावना शून्य हो जाती है। बीमारी की शुरुआत में ही उपचार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से सुदूर ग्रामों तक प्राथमिक तथा उप स्वास्थ्य केंद्र खोले गए हैं। किंतु आज भी सुदूर वनांचल या ग्रामीण इलाकों में प्रायः देखा गया है कि जागरूकता के अभाव में या 'हमें तो कुछ नहीं हुआ है' इस भावना के साथ मरीज घर पर ही स्वयं इलाज करने लगते हैं तथा प्रशिक्षित चिकित्सकों की सलाह नहीं लेते हैं। शासन ने छत्तीसगढ़ के ग्राम्य जीवन और जनजातीय इलाकों के भौगोलिक परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री हाट बाजार क्लीनिक योजना की शुरुआत की और इन इलाकों में स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाई है। मैदानी इलाकों के साथ-साथ सुदूर वनांचल और भौगोलिक रूप से दुर्गम क्षेत्रों के लिए हाट बाजार क्लीनिक योजना मील का पत्थर साबित हुआ है। ग्रामीण जीवन की परंपरा है कि लोग सप्ताह में 1 दिन निश्चित रूप से अपने जरूरत के सामान की खरीदी-बिक्री के लिए हाट बाजारों का रुख करते हैं। हाट बाजार में आसपास के छोटे-छोटे गांव-पारा-टोला-मोहल्ले के लोग पहुंचते हैं और दैनिक जरूरत का सामान खरीद कर ले जाते हैं। छत्तीसगढ़ शासन ने हाट बाजार को प्रमुख केंद्र मानते हुए मुख्यमंत्री हाट बाजार क्लिनिक योजना की शुरुआत कर स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाने का बीड़ा उठाया। योजना को शुरुआत से ही लोगों का अच्छा प्रतिसाद मिला तथा समुचित उपचार मिलने से लोग स्वस्थ भी हुए और उनमें स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता भी आई है। भौगोलिक रूप से चुनौतियों से भरे जनजाति बहुल बलरामपुर-रामानुजगंज जिले में भी मुख्यमंत्री हाट बाजार क्लीनिक योजना का सकारात्मक प्रभाव देखने को मिला है। प्रशासन मुख्यमंत्री हाट बाजार क्लीनिक योजना को स्वास्थ्य सुविधाओं की दिशा में महत्वपूर्ण पहल मानते हुए शुरुआत से ही इसके बेहतर क्रियान्वयन के लिए प्रतिबद्ध है। मुख्यमंत्री हाट बाजार क्लिनिक योजना के माध्यम से गैर संचारी रोगों की जांच, उपचार तथा निशुल्क दवाइयां प्रदाय की जाती है। प्रशिक्षित डॉक्टर के साथ पैरामेडिकल स्टाफ की पूरी टीम चिन्हित हाट बाजारों में जाकर लोगों का इलाज के साथ ही निःशुल्क दवाइयां देती है और उन्हें स्वास्थ्य के प्रति जागरूक भी करती है। आवश्यकता के अनुरूप मरीजों को उच्च अस्पतालों में रेफर भी किया जाता है। वर्तमान में जिले के 74 हाट-बाजारों को चिन्हित कर मुख्यमंत्री हाट बाजार क्लीनिक योजना का संचालन किया जा रहा है, साथ ही साथ 6 मोबाइल क्लीनिक एंबुलेंस के माध्यम से लोगों को स्वास्थ्य हाट बाजारों में स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराई जा रही है। जिले के कलेक्टर श्री कुंदन कुमार बताते हैं क्षेत्र की भौगोलिक परिस्थितियां अनेकों चुनौतियां पैदा करती हैं तथा आम जनजीवन भी इससे अछूता नही है। किंतु चुनौतियों को दूर करते हुए हमें अपने दायित्व को निभाना है। हमने जिले में हाट-बाजार क्लीनिकों के बेहतर संचालन के लिए विस्तृत कार्ययोजना तैयार की है ताकि एक गांव को केंद्र में रखते हुए आसपास के सभी गांवों के लोगों को उपचार मिल सके। मुख्यमंत्री हाट बाजार क्लीनिक योजना के बेहतर क्रियान्वयन के लिए हम शुरुआत से ही कृत संकल्पित हैं तथा यह कार्य निरंतर जारी है।