Raipur. रायपुर। रायपुर के एक आवास में दो घोड़े गंभीर रूप से कुपोषित हैं, पीपल फॉर द एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनिमल्स (पेटा) इंडिया ने वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के साथ मिलकर घोड़ों के मालिक के खिलाफ़ एफआईआर दजऱ् करायी। स टिकरापारा पुलिस ने धारा 325 बीएनएस के तहत एक एफआईआर दर्ज की गई है। वंचना लाबान और समीर वेंस्यानी नामक दो स्थानीय कार्यकर्ताओं के हस्तक्षेप के बाद, दोनों घोड़ों को आपातकालीन चिकित्सकीय देखभाल के लिए एक सरकारी पशु अस्पताल ले गए। लेकिन दुर्भाग्यवश अगले ही दिन दोनों ने लंबे समय से हो रही दुर्दशा के कारण अपने प्राण गवां दिए।
पेटा इंडिया की मैनेजर ऑफ वीगन प्रोजेक्ट्स डॉ. किरण आहूजा ने कहा कि हर कोई पशुओं पर होने वाली क्रूरता के मामलों की रिपोर्ट करें। पेटा इंडिया देश के ‘पशु क्रूरता निवारण अधिनियम’, 1960 को मजबूत करने के लिए लंबे समय से अभियान चला रहा है। यह कानून और इसके दंड प्रावधान बहुत पुराने और अप्रासंगिक है, जैसे इसके अंतर्गत पहली बार पशुओं पर अपराध का दोषी पाये जाने पर महज़ 50 रुपये के जुर्माने का प्रावधान है (जबकि ऐसे अपराधियों के लिए भारतीय दंड संहिता के अंतर्गत सख्त प्रावधानों का निर्धारण किया गया है)। पेटा इंडिया ने केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजकर पीसीए अधिनियम, 1960 के अंतर्गत पशु क्रूरता के खिलाफ़ कठोर दंड प्रावधानों की सिफारिश की है।