पथरिया के बायोफ्लॉक सिस्टम में तैर रही हैं 15 हजार तिलापिया मछलियां

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Update: 2023-01-21 16:09 GMT
दुर्ग। विकासखंड धमधा के ग्राम पंचायत पथरिया में जिला प्रशासन, मत्स्य पालन के विस्तार के लिए बायोफ्लॉक सिस्टम की ओर से नवाचार कर रहा है। 15 हजार तिलापिया मछलियों के बीज से इसकी शुरुआत पथरिया के महिला ग्राम संगठन की 10 दीदियों द्वारा की गई है। जिसमें निषाद वर्ग से 7 महिलाएं कार्य कर रहीं हैं। पथरिया (डोमा) के गौठान में मछली पालन के लिए 7 लाख 50 हजार की लागत से बायोफ्लॉक का इंफ्रास्ट्रक्चर के रूप में 7 टंकियां बनाई गई हैं व 50 हजार की अतिरिक्त राशि चारे (प्रोबायोटिक) व अन्य उपकरणों में खर्च की गई है। मतस्य विभाग की उपसंचालक सुधा दास ने बताया कि विभाग की ओर से ग्राम संगठन कार्यकर्ताओं को बायोफ्लॉक से संबंधित इंट्रेक्टिव ट्रेनिंग देने के लिए लोकल स्तर पर संबंधित कार्य करने वालों से संपर्क साधा गया। जिसमें कुम्हारी की वंदना सुरेन्द्र को प्रशिक्षण के लिए चुना गया।
वंदना सुरेंद्र कोयतुर फिश फार्मिंग से ट्रेनिंग ले चुकी हैं और कुम्हारी में स्वयं का बायोफ्लॉक का स्टार्टअप कर रही हैं। ग्राम संगठन की दसों महिलाओं को इंट्रेक्टिव तरीके से एक दिन का लाईव सेशन कराया गया है। उन्हें बायोफ्लॉक से संबंधित अपडेट निरंतर मिले इसके लिए उनका एक व्हाट्सएप ग्रुप बनाया गया है। जिसमें समय-समय पर उन्हें विडियो और संबंधित जानकारियां उपलब्ध कराई जाती हैं। पथरिया में बोरी को नवीन तहसील का दर्जा दिए जाने के बाद यहां का स्थानीय मार्केट खपत के दृष्टिकोण से एक बड़े मार्केट के रूप में तब्दील हो चुका है। इसके साथ-साथ गांव में भी और नजदीकी हाट बाजारों में भी मछली की बिक्री की जा सकेगी। 04 क्विंटल मछली से साढ़े तीन लाख की शुद्ध कमाई 6 महीने में बायोफ्लॉक की 7 टंकियों का निर्माण कराया गया है। जिसमें कुल 15 हजार मछलियों के बीज डाले गए हैं। प्रत्येक मछली लगभग 500 ग्राम से लेकर 1 किलोग्राम वजन के लिए बढ़ाई जाएगी। अनुमानित आंकड़ा लगभग 4 क्विंटल के करीब है। जिससे शुध्द कमाई का आंकड़ा लगभग साढ़े तीन लाख होने की उम्मीद है।
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