बिलासपुर। प्रदेश में 14 हजार शिक्षकों और व्याख्याताओं की भर्ती प्रक्रिया को लेकर हाईकोर्ट ने पूर्व में जारी रोक हटा लिया है. राज्य शासन को आगे की प्रक्रिया को शुरू करने की छूट दी है. साथ ही कोर्ट ने 5 याचिकाकर्ताओं के लिए 5 पद आरक्षित रखने का भी निर्देश दिया है. बता दें कि, वेद प्रकाश और अन्य ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा है कि, छत्तीसगढ़ शासन ने शिक्षक के टी संवर्ग के चार हजार 659 पद और ई संवर्ग के एक हजार 113 पदों की भर्ती के लिए 4 मई 2023 को विज्ञापन जारी किया था, जिसमें शिक्षक पद के लिए आवेदन आमंत्रित किए गए थे. अतिथि शिक्षकों को बोनस अंक देने का प्रावधान किया गया है, जबकि नियमों में इस संबंध में स्पष्ट रूप से कुछ भी नहीं कहा गया है.
जिसे लेकर याचिकाकर्ताओं ने कहा कि, विज्ञापन में यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि किस विषय के शिक्षक के लिए कितने पदों पर भर्ती की जाएगी. पदोन्नति और सेवा भर्ती नियम के विपरीत विज्ञापन जारी किया गया है. सभी विषय अंग्रेजी, गणित, संस्कृत आदि विषयों के लिए अलग-अलग पद जारी किया जाना था. इस मामले में शासन की ओर से महाधिवक्ता सतीशचंद्र वर्मा और उपमहाधिवक्ता संदीप दुबे ने पैरवी की. उन्होंने मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट को बताया कि, नियमों में जरूरी संशोधन कर दिया है. सहायक शिक्षक और शिक्षकों के लिए नियम बना दिया गया है. अतिथि शिक्षकों को बोनस अंक देने के लिए कैबिनेट ने निर्णय लिया है. सुप्रीम कोर्ट का भी यह फैसला है, राज्य सरकार फैसले ले सकती है. शासन के जवाब के बाद हाईकोर्ट ने भर्ती प्रक्रिया पर लगी रोक को हटा दिया है.