रायपुर। लोक निर्माण विभाग में 125 उप अभियंता अब सहायक अभियंता जल्द बनेंगे। ज्ञात हो कि लोक निर्माण विभाग में 30 वर्षो से अधिक समय तक कार्यरत उप अभियंताओं की पदोन्नति विभिन्न कारणों से लंबित रखी गई थी। इसका मुख्य कारण विभाग के आला अफसरों ने हमेशा उप अभियंताओं की पदोन्नति पर तानाशाही एवं गहरी साजिश रचने के कारण विभाग के तकरीबन 125 उप अभियंताओं का सेवाकाल हाशिये में जा चुका था । एवं इसके अलावा इनमें से कई उप अभियंता सेवा निवृत्त हो चुके हैं। पूर्व प्रमुख अभियंता द्वारा गहरी साजिश के तहत एक पत्र दिनांक 13.09.2021 को जारी करते हुए कहा गया था कि बिलासपुर उच्च न्यायालय द्वारा दिये गये निर्णय के अनुसार 59 उप अभियंताओं को अपने दैनिक भोगी के कार्यकाल से वरिष्ठता तय करने हेतु विभाग द्वारा गठित 04 सदस्यीय छानबीन समिति" के निर्णयनुसार वरिष्ठता प्रदान की गई थी। जो कि त्रुटीपूर्ण एवं असंवैधानिक है।
पूर्व प्रमुख अभियंता द्वारा 04 सदस्यीय छानबीन समिति" को अपने तानाशाही पेंच को कसते हुए सभी सदस्यों पर उनके आगामी पदोन्नति पर प्रश्न चिन्ह लगाते हुए मानसिक दबाव के साथ शासन के नियम के विरूद्ध 59 उप अभियंताओं को उनके दैनिक भोगी कार्यकाल से वरिष्ठता तय की गई थी। जिनमें 03 उप अभियंताओं को 24.12.1988 से और 23 उप अभियंताओं को 16.05.1989 से एवं 33 उप अभियंताओं को 19.01.1990 से उनकी वरिष्ठता तय की गई थी। तत्कालीन प्रमुख अभियंता द्वारा त्रुटि पूर्ण आदेश पर तीखी प्रतिक्रिया शासन स्तर पर हुई थी। क्योंकि विभाग में पहले से कार्यरत उप अभियंताओं की 30 वर्षों का वरिष्ठता पर कौन जिम्मेदार रहेगा ?
समय का पहिया घुमा और तत्कालीन प्रमुख अभियंता पर जन प्रतिनिधियों की शिकायते एवं प्रदेश के सड़को की जर्जर स्थिति के साथ शासन की महत्वकांशी योजनाओं को निर्धारित समय पर पूर्ण न होने का आरोपों पर शासन द्वारा तत्काल प्रभाव से प्रमुख अभियंता के पद से हटाया गया और इसके साथ ही विभाग में सबसे वरिष्ठ एवं विशाल प्रतिभा के धनी पुरुष के. के. पीपरी को शासन ने लंबित कार्यो को पूरा करने हेतु जिम्मेदारी सौपी गई। इसके उपरान्त पीड़ित उप अभियंताओं का एक समूह प्रदेश के मुखियां के समक्ष अपनी पदोन्नति हेतु गुहार लगाई। जिस पर मुख्यमंत्री ने तत्काल पदोन्नति की प्रक्रिया को जारी करने का आश्वासन दिये एवं कुछ दिनों पश्चात् लोक निर्माण विभाग के नव पदस्थ प्रमुख अभियंता को उप अभियंताओं की रूकी हुइ पदोन्नति प्रक्रिया को तत्काल प्रारंभ करने का निर्देश दिये जिसके तहत् पूर्व प्रमुख अभियंता द्वारा विवादित आदेश के विरूद्ध दिनांक 27.01.2023 को पुनः "छानबीन समिति की बैठक आहुत कर विभाग के पीड़ित अभियंताओं को उनकी खोई हुइ वरिष्ठता एवं प्रतिष्ठा को सौंपते हुए एक कुशल अभियंता एवं मानवता का सही परिचय दियें हैं।
छत्तीसगढ़ शासन समान्य प्रशासन के नियमानुसार गठित "छानबीन समिति" द्वारा 59 उप अभियंताओं की वरिष्ठता उनके नियमतीकरण के दिनांक से गणना किये जाने का आदेश एवं पहले से नियमित भर्ती हुए उप अभियंताओं के निचे स्थापित करने हेतु दिनांक 07.02.2023 को संशोधित आदेश प्रमुख अभियंता द्वारा जारी किये गयें हैं। इस नये ओदश से पीड़ित उप अभियंताओं में नई स्फुर्ति के साथ लोक निर्माण विभाग के प्रमुख अभियंता एवं शासन के प्रति कृतज्ञ है।
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