सारंगढ़ बिलाईगढ़। सुराजी योजना में नरवा गरवा घुरवा बाड़ी, छत्तीसगढ़ के चार चिन्हारी वाक्य जितना सटीक और शोभनीय है। ठीक वैसे ही उनके परिणाम देखने को मिल रहा है। जिले के उपतहसील कोसीर में 10 महिला स्व सहायता समूहों ने गोठान में गेहूं आलू प्याज की खेती की। यह इतने समूहों द्वारा प्याज, आलू और गेहूं की खेती करने वाला गोठान है। गोठान में बोर है, जिसमे पानी उपलब्ध है। इसी प्रकार गोठान में मछलीपालन भी किया जाता है। ईशा समूह की अध्यक्ष उत्तरी यादव ने बताया कि ईशा समूह सर्फ, अगरबत्ती और फिनाइल बनाती है। प्रकाश समूह बड़ी पापड़ बनाती है। स्वाभिमानी समूह हल्दी मिर्च मसाला पैकेट और समृद्धि, संध्या और सौम्या समूह वर्मी कंपोस्ट से जैविक खाद बनाती है। गोठान के कार्यों में महिला स्व सहायता समूह निरंतर अपनी मेहनत से और लगन से सफल हो रहे हैं।