40 हजार रुपए में आवंटित जिप की दुकानें बिक रहीं 40 लाख में

Update: 2023-01-19 10:58 GMT

रोहतास न्यूज़: कोचस के मुख्य चौराहे के समीप जिला परिषद की महत्वपूर्ण भूमि में निर्मित आवंटित दुकानें महज चालीस हजार रुपए में दुकानदारों को दी गई थी. 80 के दशक में एनएच-30 के गुजरने के बाद यहां की भूमि के दामों में काफी बढ़ोतरी हुई है. स्थिति यह है कि जिप द्वारा आवंटित 40 हजार की दुकानें 40 लाख में बेचकर दुकानदार मालामाल हो रहे हैं. इस आशय का खुलासा पूर्व जिला परिषद मुन्ना पासवान ने की है. बताया कि 80 के दशक में उक्त दुकानों का कोई खरीदार नहीं था. तब जिप के अधिकारियों ने परिषद की आय बढ़ाने के लिए काफी प्रयास कर दुकानदारों को प्रति दुकान अधिकतम 40 हजार में 90 वर्षों का एग्रीमेंट किया. एनएच 30 के गुजरने के साथ यह स्थल व्यवसायिक केंद्र के रूप में विकसित होने लगा. परिणाम स्वरूप मोहनिया, बिक्रमगंज , बक्सर और सासाराम के मध्य में स्थित कोचस व्यवसाय का बड़ा केंद्र बिंदु बन गया है. दुकानों की कीमत में हुई बढ़ोतरी को ले पूर्व के आवंटित दुकानदार अपनी दुकानों को बेचकर मालामाल हो रहे हैं.

जिप की 200 आवंटित दुकानों में से 80 फीसदी दूसरे, तीसरे या चौथे लोगों के हाथों बिक चुकी है. जिनका एग्रीमेंट पूर्व के दुकानदार के नाम से ही है. दुकान खरीदने वाले लोग जिला परिषद में चक्कर लगाकर थक गए. लेकिन आज तक उनके नाम से एग्रीमेंट नहीं किया गया. एग्रीमेंट करने के नाम पर कर्मियों ने अच्छी कमाई की. लेकिन काफी खर्च करने के बाद भी वे अपने नाम पर एग्रीमेंट नहीं करा सके. फलस्वरूप एग्रीमेंट नहीं होने से दुकानों का किराया जमा नहीं किया जाता है. जो जिला परिषद का सिर दर्द बना हुआ है . बताया कि वर्ष 2014 में कोचस स्थित जिप परिसर में लोकसभा के तत्कालीन स्पीकर मीरा कुमार के सांसद मद की 25 लाख रुपए की राशि से पुस्तकालय का निर्माण किया गया. जिसमें एनओसी देने के दौरान यह एग्रीमेंट किया गया कि उक्त भवन के नीचे दुकानें तथा दूसरे फ्लोर पर पुस्तकालय का बड़ा हॉल निर्माण किया जाएगा, जिसमें पुस्तकालय संचालित होगा. भवन निर्माण कार्य पूरा कर लिया गया था. लेकिन पुस्तकालय के उपस्कर, फर्नीचर तथा किताबों की खरीदारी 10 वर्षों बाद भी नहीं हुई. जबकि पुस्तकालय के नीचे निर्मित 5 दुकानों का आवंटन भी नहीं किया गया. जिससे जिप को लाखों रुपए आय की क्षति हो रही है. बताया कि वर्तमान समय में उक्त नवनिर्मित पांच कमरों को आवंटित कराने के लिए जिले के एक बड़े जनप्रतिनिधि द्वारा कोचस के एक जनप्रतिनिधि से प्रति दुकान 25 लाख रुपए में डील कर अग्रिम आधी रकम की वसूली की गई है. स्थानीय प्रतिनिधि द्वारा व्यवसायियों से कहा गया है कि पहले आओ पहले पाओ की तर्ज पर इसकी बंदोबस्ती की जाएगी. पांच कमरों के लिए व्यापारियों से एक करोड़ 25 लाख रुपए वसूली की योजना बनाई गई है. कहा कि वे इसका जोरदार विरोध करेंगे. उन्होंने बताया कि उनके कार्यकाल में की गई बैठक में यह निर्णय लिया गया था कि कोचस में स्थित जिला परिषद की दुकानों का आवंटन खुले डाक से होगी. सर्वोच्च बोली लगाने वाले व्यापारियों को कमरे एलॉट किये जाएंगे. तब से आज तक उक्त दुकानों की निविदा नहीं निकाली गई. वहीं एग्रीमेंट कराने के नाम पर दो लाख रुपए वसूले जा रहे हैं.

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