युवक रजिस्ट्रेशन कराकर वाहन चलाने की नहीं ले रहे हैं प्रशिक्षण

Update: 2024-03-20 05:40 GMT

सिवान: सड़क सुरक्षा के प्रति लोगों में जागरुकता का अभाव है. वहीं विभागीय प्रयास अभी भी आम लोगों से दूर है. खराब सड़कें भी दुर्घटना को बढ़ावा दे रही, वहीं विभाग ने ब्लैक स्पाट चिन्हित किये लेकिन कार्ययोजना को अमलीजामा नहीं पहनाया जा सका.

बहरहाल, कहने को तो जिले के पचरुखी प्रखंड स्थित जसौली में एक चालक प्रशिक्षण केन्द्र सह मोटर ट्रेनिंग स्कूल संचालित है, लेकिन वास्तविकता यही है कि केन्द्र का संचालन सिर्फ कागजों पर ही हो रहा. बताया जा रहा कि तमाम सड़क दुर्घटना के बावजूद जिले में अभी भी बाइक चालक हो या चरपहिया वाहन चालक रजिस्ट्रेशन कराकर वाहन चलाने की ट्रेनिंग नहीं लेते. मुश्किल से फीसदी लोग ही ऐसे हैं, जो इस प्रशिक्षण केन्द्र में वाहन चलाने की ट्रेनिंग लेते हैं. प्रशिक्षण लेने से लेकर प्रशिक्षण प्रमाण पत्र देने तक की प्रक्रिया में काफी भिन्नता बताई जा रही. यानि की प्रशिक्षण की पूरी प्रक्रिया धरातल पर कम व कागज पर अधिक हो रही है.

साल दर साल वाहनों की बिक्री में आ रही तेजीजिले में वाहनों की बिक्री का अगर आंकड़ा देखें तो पिछले पांच-छह सालों में वाहनों की बिक्री में बेतहाशा वृद्धि हुई है. अनुमानत प्रत्येक साल 20 से 25 प्रतिशत तक वाहनों की बिक्री में बढ़ोत्तरी हो रही है. जिले में चालू वित्तीय वर्ष 2023-24 में अप्रैल 2023 से लेकर जनवरी 2024 तक छोटे-बड़े कुल 25 वाहनों की बिक्री हुई है. वहीं वित्तीय वर्ष पूरा होने तक इस आंकड़े में और अधिक वृद्धि होने की बात कही जा रही है. जानकार बताते हैं कि जिले में जिस हिसाब से वाहनों की बिक्री हो रही, उस हिसाब से ड्राइविंग लाइसेंस नहीं बन रहे हैं. वाहनों की बिक्री के अनुसार डीएल बनने की संख्या काफी कम है.

क्या कहते डीटीओ डीटीओ कुमार विवेकानंद ने बताया कि सभी चालकों को ड्राइविंग लाइसेंस लेने के लिए आवेदन देना होता है. ड्राईविंग लाईसेंस देने से पूर्व वाहन चलवाकर जांच की जाती है. जांच में सफल होने पर ही डीएल के आवेदन को स्वीकृति देने का विभागीय स्तर पर प्रावधान है.

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