नशे की गिरफ्त में बर्बाद हो रही युवा पीढ़ी

Update: 2023-06-29 06:14 GMT

 बक्सर न्यूज़: युवा पीढ़ी और किशोरवय के बच्चे धड़ल्ले से नशे की गिरफ्त में आ रहे हैं. सुलेशन और नशीले इंजेक्शन से लेकर अन्य तरह के नशा करने वालों का भविष्य तो बर्बाद हो ही रहा है, बेसमय इनकी मौत भी हो रही है.

स्टेशन, कवलदह पोखर, अंबेडकर छात्रावास के पीछे, अंग्रेज कब्रिस्तान सहित शहर के कुछ हिस्सों में ऐसे युवक और बच्चे नशा करते अक्सर देखे जाते हैं. 12-14 साल के बच्चे सुलेशन सूंघते नजर आते हैं. नशीले इंजेक्शन लेते हैं. खुद ही अपनी नसों में इंजेक्शन घुसेड़ लेने वाले युवक या बच्चे नशे के इस कदर गुलाम हो चुके हैं कि उन्हें अपनी जिंदगी की तनिक भी फिक्र नहीं है. वे बस नशे में डूबे रहना चाहते हैं. नशीली गोलियों से लेकर कफ सिरप तक का इस्तेमाल नशे के लिए धड़ल्ले से किया जा रहा है. हालांकि, नशेड़ी इंजेक्शन और सुलेशन का ही ज्यादा इस्तेमाल कर रहे हैं.

एविल का इंजेक्शन लेते हैं नशेड़ी नशे के शिकार बच्चे और युवक बेखौफ एविल का इंजेक्शन लेते हैं. दवा दुकानों से एविल इंजेक्शन आसानी से मिल जाता है. लिहाजा, इसी से नशे की पूर्ति करते हैं. खुद ही सीरिंज अपनी नसों में घुसा लेने वाले बच्चों को देखकर तरस भी आती है.

गोलियों और कफ सिरप का भी होता है इस्तेमाल एक दवा दुकानदार ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि नशे के लती लोग स्पास्मो प्रॉक्सीवॉन की गोलियों का भी खूब इस्तेमाल करते हैं. वहीं डीएक्स ग्रुप के कफ सिरप का भी प्रयोग किया जाता है. लेकिन, एविल का इंजेक्शन चूंकि कम कीमत में मिल जाता है, इसलिए ज्यादा जोर इसी पर होता है.

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