मेडिकल कॉलेजों की मदद से जिला अस्पतालों में स्वास्थ्य सुविधा बेहतर होंगी
सूबे के जिला अस्पताल अब मेडिकल कॉलेजों से जुड़ेंगे
पटना: मेडिकल कॉलेजों की मदद से जिला अस्पतालों में स्वास्थ्य सुविधा बेहतर होंगी. इसके लिए जिला अस्पतालों को मेडिकल कॉलेजों के साथ लिंकेज किए जा रहे हैं. मेडिकल कॉलेज के माध्यम से जिला अस्पताल के डॉक्टरों को स्वास्थ्य से जुड़ी नई तकनीक, नया स्वास्थ्य गाइडलाइन, नई आधुनिक बेहतर दवाई सहित जानकारी सहित प्रशिक्षण मिलेगा. स्वास्थ्य विभाग और भारतीय जन स्वास्थ्य प्रतिष्ठान द्वारा संयुक्त रूप से डॉक्टर्स मेंटरिंग प्रोग्राम शुरू की गई.
सबसे पहले जिला अस्पातालों में इमरजेंसी मातृत्व, नवजात शिशु और बच्चों को बेहतर स्वास्थ सुविधा दिलाने के लिए डॉक्टरों को मेडिकल कॉलेज में प्रशिक्षित किया जाएगा. प्रशिक्षण के बाद मेडिकल कॉलेजों के विशेषज्ञ तीन-तीन माह पर जिला अस्पताल जाकर इलाज की स्थिति देखेंगे. कमी होने पर तत्काल यहां उन्हें ऑन स्पॉट ट्रेनिंग भी देंगे. पीएचएफआई के डॉ. प्रमोद कुमार ने कहा कि आज 40 प्रतिशत गर्भवती महिलाओं का सिजेरियन होता है. इसमें लगभग 3.5 प्रतिशत ही सिजेरियल सरकरी अस्पतालों में होते हैं, जबकि अधिकांश निजी अस्पतालों में होता है. निजी अस्पतालों में इसके लिए मोटी रकम ली जाती है. डॉ. आकाश सिंह, डॉ.
प्रभाकर सिन्हा आदि ने भी चर्चा की. मौके पर विभिन्न मेडिकल कॉलेजों के प्राचार्य, सीएस, गाइनेकोलॉजिस्ट, शिशु रोग विशेषज्ञ , एनेस्थिया के डॉक्टर, एमएस आदि मौजूद थे.
शिशु मृत्यु दर घटाने के लिए कदम उाठने पर जोर: राज्य स्वास्थ्य समिति के एसपीओ डॉ. अभिषेक कुमार ने कहा कि जिला अस्पतालों में बेहतर स्वास्थ्स सुविधा मिलने पर मेडिकल कॉलेज अस्पताल अस्पताल में मरीजों का भार कम होगा. शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. एके जायसवाल ने शिशु मृत्यु दर घटाने के लिए आवश्यक कदम उाठने पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि जिला अस्पतालों के चिकित्सकों को अद्यतन तकनीक की जानकारी होगी, तो शिशु मृत्यु दर में कमी आएगी.