बिहार-झारखंड में क्यों हुई इतनी कम बारिश, सामने आई ये बड़ी वजह

झारखंड में मानसून इसबार राह भटक गया है। इस बार मानसून बंगाल की खाड़ी में बनने वाले निम्न दबाव व अति दाब राज्य के दक्षिणी हिस्से से होकर पश्चिम की ओर निकल जा रहे हैं। इससे झारखंड के उत्तर व मध्य भाग में बारिश नहीं हो रही है। इसी वजह से बिहार में भी कम बारिश हो रही है।

Update: 2022-08-23 03:59 GMT

झारखंड में मानसून इसबार राह भटक गया है। इस बार मानसून बंगाल की खाड़ी में बनने वाले निम्न दबाव व अति दाब राज्य के दक्षिणी हिस्से से होकर पश्चिम की ओर निकल जा रहे हैं। इससे झारखंड के उत्तर व मध्य भाग में बारिश नहीं हो रही है। इसी वजह से बिहार में भी कम बारिश हो रही है। मौसम वैज्ञानिक इसे जलवायु परिवर्तन का असर बता रहे हैं।

इस सीजन में बने मानसून के सभी पांच सिस्टम राज्य के दक्षिणी हिस्से को छूते छत्तीसगढ़ निकल गए, जबकि खाड़ी में बननेवाले सिस्टम आमतौर पर मध्य झारखंड होते बिहार तक बरसते हैं। लेकिन इस बार राज्य के उत्तरी भाग स्थित संताल और पलामू प्रमंडल में बारिश नहीं हो रही।

मौसम विज्ञानियों के मुताबिक जून के दौरान खाड़ी में एक भी निम्न दाब नहीं बना। जुलाई में दो बार बना और ओडिशा व आंध्र होते हुए छत्तीसगढ़ निकल गया। आठ अगस्त के बाद तीन सिस्टम बने। तीनों जमशेदपुर, खूंटी-रांची और सिमडेगा-गुमला के करीब से होकरनिकल गए। जबकि अधिकांश सिस्टम मध्य भाग से होकर पूरे झारखंड पर बरसते हैं। यह पूर्वी सिंहभूम-रांची-रामगढ़-हजारीबाग-चतरा होते बिहार तक जाता है। इससे पलामू और संताल समेत बिहार में भी बारिश होती है।

पलामू और संताल में सूखा

राज्य के दक्षिणी हिस्सों में अच्छी बारिश हुई पर उत्तरी इलाके वंचित रहे। बारिश की कमी झेल रहे दक्षिण के सात जिले सामान्य के निकट आ गए, जबकि संताल में सभी छह जिलों में बारिश 62 फीसदी कम हुई है। वहीं पलामू प्रमंडल में 45 फीसदी कम बारिश हुई। यहां सूखे की स्थिति है। 62 फीसदी कम बारिश हुई संताल के छह जिलों में और 45 फीसदी कम बारिश हुई पलामू प्रमंडल में।

क्या कहते हैं मौसम वैज्ञानिक

मौसम वैज्ञानिक अभिषेक आनंद ने कहा कि खाड़ी में पांच सिस्टम बने। सभी झारखंड के दक्षिण हिस्से से होकर निकल गए। अमूमन पूरे सीजन 10 सिस्टम बनते हैं। इसमें कई झारखंड के मध्य होकर गुजरते हैं और पूरे राज्य में बारिश होती है। इस बार ऐसा नहीं हुआ।

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