बिहार | पिछले चार दिनों से जारी बारिश से शहर के अधिकांश मोहल्ले जलमग्न हो गए हैं. घरों में भी नाले व बारिश का पानी प्रवेश गया है. लेकिन, नगर निगम की नींद अधिकारियों के आवास व कार्यालय जलमग्न होने के बाद खुली है. बारिश के कारण डीएम कॉलोनी, बिजली बोर्ड, सिंचाई विभाग व आवास परिसर में घुटने भर पानी जमा है.
अधिकारियों के आवास व सरकारी कार्यालय से पानी की निकासी को ले नगर निगम बंद पड़े नालों की उड़ाही व नाले पर हुए अतिक्रमण को हटाने को ले एसडीएम को पत्र लिख दंडाधिकारी की प्रतिनियुक्ति के साथ पुलिस बल की प्रतिनियुक्ति की मांग की थी. इसके बाद एसडीएम ने चंद्रमा राम को दंडाधिकारी नियुक्त करने का आदेश दिया था. इसके बाद गुरूवार को नगर प्रबंधक इसराफिल अंसारी के नेतृत्व में नगर निगम के एसडीओ जीतेंद्र कुमार व कर्मियों की टीम जेसीबी के साथ नाले की खुदाई शुरू की गयी. एसडीओ ने बताया कि शेरशाह होटल से बेदा नहर व बेदा नहर से बेलाढ़ी साइफन तक नालों की खुदाई का काम शुरू किया गया है.
इस दौरान नालों पर हुए अतिक्रमण को हटाया जाएगा. ताकि पानी की निकासी हो सके.
शिकायत के बाद भी नहीं बदले गए बल्ब
गांव की गलियों में रौशनी के लिए 15 दिन पूर्व मुख्यमंत्री ज्योति योजना के तहत ब्रेजा कम्पनी द्वारा लगाए गए सौर्य ऊर्जा खराब हो गए हैं. प्रखंड के नोनसारी गांव निवासी श्याम लाल सिंह ने बताया की मेरे गांव में रोशनी के लिए 25 सौर्य उर्जा प्लेट से चार्ज होने वाले बल्ब लगाए गए थे. जिसमें 10 बल्ब एक सप्ताह से नहीं जल रहे हैं. कंपनी को शिकायत किया गया. लेकिन नहीं बनाया गया.