रामाचक बैरिया में गीला-सूखा कचरा प्रोसेसिंग प्लांट और बादशाही नाला ट्रीटमेंट प्लांट लगेगा

बैरिया में गीला और सूखा कचरा प्रसंस्करण के लिए बनेगा प्लांट

Update: 2024-03-16 06:48 GMT

पटना: नगर निगम ने ठोस-तरल कचरा प्रबंधन की दिशा में पहल की है. इस पहल से लिगेसी वेस्ट(वर्षों से जमा कूड़ा) को समाप्त करने में मदद मिलेगी. निगम ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के बजट में दोनों योजनाओं को शामिल किया है और इसके लिए 190 करोड़ रुपये का प्रावधान किया. बैरिया डंपिंग यार्ड में 109 करोड़ का कचरा प्रसंस्करण प्लांट लगेगा. बादशाही नाला ट्रीटमेंड प्लांट के लिए 81 करोड़ का प्रावधान किया है. निगम को यह राशि रिंगफेस एकाउंट और स्वच्छ भारत मिशन से प्राप्त होगी. स्वच्छता सर्वे 2024 में निगम को गीला-सूखा कचरा प्रबंधन में बहुत कम अंक मिले थे. यह पहला प्लांट होगा जहां पुराने कचरे का प्रसंस्करण किया जाएगा और बैरिया के 85 एकड़ क्षेत्र में फैले कचरा का निपटारा हो सकेगा.

एसटीपी के पानी का उपयोग करेगा निगम

नमामि गंगे परियोजना के तहत पटना शहर में बन रहे छह सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट के पानी का उपयोग करने की योजना नगर निगम ने बनाया था. आगामी वित्तीय वर्ष के बजट में इसके लिए 2 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है. सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट से शोधित जल का उपयोग नगर निगम आपने कार्यो के लिए करेगा. इसके लिए नगर निगम क्षेत्र में छह जगहों पर एसटीपी के पास केन्द्र बनाएगा. गंदे पानी को साफ करने के बाद पुन उपयोग के लिए आधारभूत संरचाना तैयार करने के कुल 21 करोड़ खर्च होने का अनुमान है. प्रत्येक केन्द्र पर 3 करोड़ 50 लाख रुपये खर्च होंगे. हालांकि बजट में दो करोड़ का ही प्रावधान किया गया है.


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