विनोद कुमार सिंह की अनोखी गौशाला, गायें सुबह शाम भजन सुनती हैं, दूध बेचा नहीं जाता

Update: 2023-08-03 15:11 GMT
बिहार: बिहार की राजधानी पटना के निवासी विनोद कुमार सिंह एक अनोखे गो सेवक हैं. उनके द्वारा शुरू की गयी विलुप्त हो रही देसी गायों और उनके बछड़ों को बचाने की मुहिम चर्चा में है. बता दें कि उनकी गौशाला में 500 देसी गायें और बछड़े है. नेशनल खबरों के लिए यहां क्लिक करें
विनोद कुमार ने इन सभी गायों के नाम भी रखे हैं. गौशाला की खासियत है कि यहां गायों और बछड़ों को सुबह शाम भगवान के भजन सुनाये जाते हैं. विनोद का कहना है कि उन्होंने गौशाला को दुग्ध व्यवसाय की जगह गौसेवा भावना के लिए खोला है.
गाय के दूध की बिक्री नहीं होती है यहां
पटना जfले से लगभग 20 किलोमीटर दूरी पर बसा बिहटा प्रखंड के विष्णुपुरा गांव के रहने वाले हैं विनोद कुमार सिंह. उन्होंने बताया कि उनकी गौशाला में 500 के आस-पास गिर नस्ल की गायें हैं. इन गायों का दूध बेचा नहीं जाता है. दूध गायों की सेवा करने वालों को मुफ्त में दे दिया जाता है.
धरती पर भगवान का रूप है गायें
विनोद की कहना है कि 20 -25 साल पहले तक लोगों के दरवाजों पर देसी गाय जरूर बंधी होती थीं. हालांकि, यह संख्या अब बहुत कम हो गयी है. इस क्रम में कहा कि हमारे लिए गाय धरती पर भगवान का रूप है. उन्होंने उदाहरण दिया कि भगवान राम, कृष्ण, भोले शंकर सभी गौ माता को आदर देते हैं. आह्वान किया कि बिहार में हर घर में लोग देसी गाय पालें और उनके बछड़ों को बचाने की मुहिम में लग जायें.
गायें भजन पर झूमती नजर आती हैं
गौशाला में सेवा कार्य में लगे सेवकों ने कहा कि यहां गायों को सुबह शाम भजन सुनाया जाता है. गायें भजन पर झूमती नजर आती हैं. गौशाला में लहसुन प्याज पर भी प्रतिबंध है. बताया कि गायों को प्रसाद के रूप में हर दिन फल और गुड़ का भोग लगाया जाता है.
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