सिवान न्यूज़: प्रशासन की ओर से नावों में ओवरलोडिंग यात्रा पर लगी रोक का नाविकों पर कोई असर नहीं है. निर्देशों को धता बताकर नाविक धड़ल्ले से ओवरलोडिंग कर यात्रियों की जान जोखिम में डाल सरयू नदी पार कराते हैं.
जल्दबाजी में सरयू नदी आर-पार जाने में न यात्री जागरुकता दिखा रहे हैं, ना प्रशासन ही कोई सख्ती कर रहा है. ग्रामीणों ने बताया कि ग्यासपुर घाट से सैकड़ों लोग दियारा में जाकर खेती और पशुपालन करते हैं. वहीं, तिरबलुआ, ग्यासपुर, खडौली, मैरिटार, डूमरहर, केवटलिया, अमरपुर, डुब्बा, नरौली, पंचमदिरा से सटे घाट पर नाविक जर्जर और छोटी नाव में क्षमता से अधिक लोगों को बैठाकर सुबह से शाम तक कई चक्कर लगाते हैं. सरयू नदी के बीच में पहुंचने पर नाव लहरों का भार नहीं झेल पातीं और हिलौरे लेना शुरु कर देती हैं. यही कारण रहा है कि यूपी के बलिया जिले के फेफना में एक सप्ताह पूर्व हुई दुर्घटना में कई लोगों की मौत हो गई. स्थानीय प्रशासन अभी तक किसी भी तरह का दिशा - निर्देश जारी नहीं किया है. जबकि दरौली के पंचमदिरा घाट से चलने वाली स्टीमर पर भी सवारियों को क्षमता से अधिक बैठाया जाता हैं. ग्रामीणों का कहना है कि पीपा पुल के हटने के बाद स्टीमर और नाव से लोगों को यात्रा करना पड़ता है. जिसपर स्टीमर मालिकों द्वारा 50 रुपये प्रति यात्री भाड़ा और सामानों का अलग से आर्थिक दोहन किया जाता है.
नदी के बढ़ते जलस्तर से जून माह से हट जायेगा पीपा पुल दरौली के पंच मदिरा घाट पर लगे पीपा पुल से जहां लोग सुरक्षित और आसानी से यात्रा करते हैं. वही मानसून की बारिश और नदी के बढ़ते जलस्तर से जून के अंतिम सप्ताह में पीपा पुल को हटा लिया जाता है. इसका मुख्य कारण अप्रोच मार्ग पर जलजमाव, पीपा पुल पर अधिक लोड, नदियों के बढ़ते जलस्तर और मानसून की बारिश शामिल है. पीपा पुल बंद होने के बाद लोगों को स्टीमर और नाव से ही यात्रा करनी पड़ती है. जिसका फायदा स्ट्रीमर और नाव मालिकों द्वारा मनमाने तरीके से किया जाता है. गुठनी में पांच नाव का ही किया गया है रजिस्ट्रेशन गुठनी में बाढ़ के समय लोगों को बाहर निकालने और सुरक्षित जगहों पर भेजने के लिए स्थानीय प्रशासन ने पांच नाव का रजिस्ट्रेशन किया है. सीओ शंभूनाथ राम ने बताया कि वह मानक के अनुसार परिचालन करने का निर्देश दिया जाता हैं. बाढ़ के बाद नाव पर ओवरलोड और बिना रजिस्ट्रेशन के नाव परिचालन करना गैरकानूनी है.