गया। जिले के ऐतिहासिक धरोहर रोहतास गढ़ किला पर "वनवासी कल्याण महोत्सव" के आयोजन हेतु जिलाधिकारी धर्मेंद्र कुमार की अध्यक्षता में बुधवार को एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। बैठक के दौरान डीएम ने कहा कि "वनवासी कल्याण महोत्सव" के आयोजन का मुख्य उद्देश्य आदिवासी व जनजातीय संस्कृति की रक्षा के साथ-साथ रोहतास गढ़ किला तथा उसके आसपास के सुरम्य क्षेत्रों एवं गांवों में पर्यटन का विकास, वन उत्पादों की बिक्री सहित राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्थानीय उत्पादों व कलाकृतियों को प्लेटफॉर्म मुहैया कराना तथा रोजगार सृजन है। रोहतासगढ़ क्षेत्र के महत्व को बताते हुए उन्होंने कहा कि ओरांव, चेरो एवं खरवार जनजातियां अपनी उत्पत्ति रोहतासगढ़ किले तथा उसके आसपास के क्षेत्रों को हीं मानती है तथा यह उत्सव प्रत्येक वर्ष माघ शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को मनाये जाने की परम्परा रही है। इसलिए उक्त महोत्सव का आयोजन आगामी 5 फरवरी को किया जाएगा।
जिसमें स्थानीय उरांव, चेरो एवं खरवार जनजाति के साथ साथ मध्य प्रदेश, छत्तिसगढ़, झारखण्ड आदि से भी आदिवासी जनजातिय समुदाय के लोग माघ पूर्णिमा के दिन कर्मा पूजा व सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भाग लेने आते हैं। वहीं डीएम ने बताया कि वनवासी कल्याण महोत्सव में सांस्कृतिक, खेलकूद एवं अन्य कार्यक्रमों के आयोजन हेतु डेहरी अनुमंडल पदाधिकारी की अध्यक्षता में स्थानीय लोगों को सम्मिलित करते हुए समिति का गठन किया गया है तथा डेहरी एसडीएम हीं इस कार्यक्रम की नोडल पदाधिकारी होंगी। जिसमें स्थानीय कलाकार भी हिस्सा लेंगे। साथ हीं स्थानीय कर्मकारों द्वारा निर्मित वस्तुओं की बिक्री के लिए स्टॉल लगाने की व्यवस्था रोहतास के प्रखंड विकास पदाधिकारी द्वारा की जायेगी। वनवासी कल्याण महोत्सव के अवसर पर आयोजित कार्यक्रमों के प्रचार-प्रसार एवं लाईव वेबकास्टिंग हेतु भी डीएम ने संबंधित लोगों को निर्देशित किया। जिससे महोत्सव का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जा सके। मौके पर डेहरी एसडीएम चंद्रिमा अत्री, रोहतास व नौहट्टा के प्रखंड विकास पदाधिकारी सहित वनवासी कल्याण आश्रम के अध्यक्ष एवं अन्य सदस्य उपस्थित रहे।