रेडियोलॉजिस्ट नहीं रहने से अल्ट्रासाउंड जांच में प्रभावित
नियम बना लेकिन फॉलो नहीं
सिवान: सदर अस्पताल में रेडियोलॉजिस्ट के पांच पद स्वीकृत हैं, लेकिन एक की भी रेडियोलॉजिस्ट को यहां नहीं भेजा गया है. इससे मरीजों को अल्ट्रासाउंड कराने में परेशानी हो रही है. सदर अस्पताल में इलाज के लिए मरीज पहुंचे थे, लेकिन सिर्फ गर्भवती महिलाओं का अल्ट्रासाउंड किया जा सका. सदर अस्पताल के डॉक्टर ही यहां गर्भवती मरीजों का अल्ट्रासाउंड जांच कर रिपोर्ट पर्ची पर लिखते हैं. फिर बताते हैं. जबकि, अन्य मरीजों को जरूरत पड़ने पर अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट के लिए बाहरी अल्ट्रासाउंड केंद्रों का सहारा लेना होता है. इसकारण, मरीजों को परेशानी के अलावा उनकी जेब भी ढ़ीली होती है.
प्रतिदिन 15 से 20 लोगों का होता है अल्ट्रासाउंड सदर अस्पताल से मिली जानकारी के अनुसार, प्रतिदिन यहां 15 से 20 गर्भवती महिलाओं की अल्ट्रासाउंड जांच की जाती है. कभी - कभार इसका आंकड़ा घट भी जाता है. बताया गया कि ओपीडी के महिला विभाग में डॉक्टर के परामर्श पर ही गर्भवती महिलाओं की अल्ट्रासाउंड जांच की जाती है.
नियम बना लेकिन फॉलो नहीं
बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं को लोगों तक पहुंचाने के लिए स्वास्थ्य विभाग प्रतिबद्ध है. इस कारण से समय-समय पर जरूरत के हिसाब से साधनों में वृद्धि करने और सुधार करने का निर्देश विभाग की ओर से आता रहता है. बीते दिनों सदर अस्पताल, मेडिकल कॉलेज, पीएचसी व रेफरल अस्पतालों में क्या-क्या सुविधाएं होनी चाहिए इसको लेकर एक निर्देश दिया गया था. लेकिन निर्देश मिलने के बाद भी स्थानीय सदर अस्पताल में सभी मरीजों को अल्ट्रासाउंड जांच का लाभ नहीं मिल पा रहा है.
क्या कहते हैं अधीक्षक
अस्पताल अधीक्षक डॉक्टर मो. इसराइल ने बताया कि सदर अस्पताल में रेडियोलॉजिस्ट के पांच स्वीकृत पद हैं. लेकिन मौजूदा समय में एक की भी रेडियोलॉजिस्ट यहां नहीं हैं. जिसके कारण महिला रोग से संबंधित डॉक्टर से ही अस्पताल आए जरूरतमंद गर्भवती मरीजों की अल्ट्रासाउंड जांच करायी जाती है. बताया कि सदर अस्पताल में रेडियोलॉजिस्ट के खाली पदों की जानकारी स्टेट को भी दे दी गयी है.