मुजफ्फरपुर न्यूज़: सूबे के 465 मध्य विद्यालय बनेंगे स्मार्ट. यहां स्मार्ट क्लास रूम होंगे. इन विद्यालयों में दो-दो कक्षाओं को स्मार्ट बनाया जाएगा. शिक्षा विभाग ने योजना को हरी झंडी दे दी है. दो से तीन माह के अंदर इन विद्यालयों में स्मार्ट क्लास बनकर तैयार हो जाएंगे. वर्ग कक्षाओं का चयन स्थानीय स्तर पर जरूरतों के अनुसार किया जाएगा. शिक्षा विभाग ने संबंधित अधिकारियों को इसकी कार्ययोजना बनाकर उसे अमल में लाने का निर्देश भी दिया है. दरअसल, राज्य सरकार ने पिछले दिनों 2739 मध्य विद्यालयों को स्मार्ट बनाने और यहां दो-दो क्लास रूम को स्मार्ट क्लास के रूप में विकसित करने का निर्णय लिया था. बाद में इसके कार्यान्वयन को लेकर अधिकारियों को टास्क भा सौंपा गया. इनमें 2274 मध्य विद्यालयों में काम पूरा हो चुका है. इनमें कुछ स्थानों पर इसका सफल प्रयोग भी किया गया है. इसके बाद शिक्षा विभाग ने 465 मध्य विद्यालयों में स्मार्ट क्लास स्थापित करने का निर्णय लिया और इसको लेकर काम प्रारंभ किया गया.
मध्य विद्यालयों का किया था चयन राज्य सरकार ने
क्या होता है स्मार्ट क्लास: स्मार्ट क्लास में डिजिटल पढ़ाई की व्यवस्था होती है. इसके तहत विजुवलाइजर, इंटरैक्टिव व्हाइट बोर्ड, एम्पलीफायर, स्पीकर, पोडियम, माइक्रोफोन का इस्तेमाल किया जाता है. इससे क्लास की पढ़ाई का दृश्य ही बदल जाता है. बच्चों को यह लुभाता है. वे पाठ्य सामग्री को जल्द ग्रहण करते हैं. रोचक ढंग से पढ़ाई होने के कारण वे तनाव से भी बचते हैं.
डिजिटल पढ़ाई से होगी सुविधा: स्कूल में स्मार्ट क्लास का प्रयोग बेहद सफल रहा है. डिजिटल पढ़ाई के कारण बच्चों को पढ़ने, विषयों को समझने-सीखने में सहजता रहती है. शिक्षकों को पढ़ाने में भी काफी सुविधा होती है. शिक्षक-बच्चों के बीच बेहतर संवाद की स्थिति होती है. नयी तकनीक होने के कारण बच्चों को पढ़ने में भी आनंद आता है. यही नहीं शिक्षा के अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग होने से बच्चों को उच्च स्तर की जानकारी मिलती है. परंपरागत पढ़ाई और बोझिल पाठ्य सामग्री की अपेक्षा बच्चों पर डिजिटल पढ़ाई अधिक प्रभावी होती है. यह देखा गया है कि इस तकनीक का सकारात्मक प्रभाव भी बच्चों पर पड़ा है.