सब्जी विक्रेता से की ठगी की कोशिश

Update: 2024-04-12 06:10 GMT

पटना: सच और झूठ के बीच की लकीर को खत्म करने वाली नई तकनीक एआई से ठगी का मामला नालंदा तक पहुंच गया. इसका ताजा उदाहरण हिलसा शहर के कालीस्थान मोहल्ला निवासी रंजीत जयसवाल बने.

शहर के जनता मार्केट में सब्जी की दुकान के बूते परिवार का भरण-पोषण करने वाले रंजीत का बेटा गोपी पटना स्थित अपने मौसा के मॉल में बतौर स्टॉफ के रूप में काम करता है. दिन पहले रंजीत अपनी दुकान पर ग्राहकों के बीच व्यस्त थे. इसी दौरान सुबह करीब 10 बजे उनके मोबाइल पर व्हाट्सएप के जरिए वॉयस कॉल आया.

कॉल रिसीव करते ही दूसरे तरफ से आवाज आयी ‘आप रंजीत बोल रहे हैं. आपकी पत्नी का नाम सविता है.’ हां में जवाब सुनते ही दूसरी तरफ से आवाज आयी-मैं साइबर क्राइम पटना से अधिकारी बोल रहा हूं. आपका बेटा गोलू रेप केस में अन्य लड़कों के साथ पकड़ा गया है. छोड़वाना है तो 80 हजार रुपये भेजना होगा. तैयार हैं तो ओटीपी बताना होगा.’

मोबाइल पर बात करके पसोपेश में पड़े सब्जी कारोबारी रंजीत अपने बेटे गोलू को पाक-साफ बताते हुए छोड़ देने के लिए काफी गिड़गिड़ाया. लेकिन, बात करने वाला शख्स मोबाइल चालू रखने और मीडिया को जानकारी देने पर मामला बिगड़ जाने की धमकी देते हुए बेटे गोलू से रंजीत की बात करवा दी. अपने बेटे गोलू की आवाज सुनकर हक्के-बक्के हुए रंजीत मोबाइल चालू रखते हुए मांगी गयी रकम तुरंत व्यवस्था कर देने करने का भरोसा शख्स को दिया. दुकान छोड़कर इधर-उधर जान-पहचान वालों से मिलकर रुपये मांगने लगे. इसी दौरान किसी ने रंजीत को कान में चुपके से अपने बेटे गोलू के मोबाइल पर सम्पर्क करने की सलाह दी.

रंजीत अपने अन्य सहयोगी के मोबाइल से सम्पर्क किया तो गोलू खुद को मौसा के मॉल में काम करने की बात कही. सच जानते ही रंजीत खुद को रोक नहीं पाये और कॉल करने वाले शख्स को कब्जे में रहे बेटा गोलू को जेल भेजने और कोर्ट से छोड़वाने की बात कह फोन कट कर राहत भरी सांस ली.

बातचीत के दौरान मौजूद लोगों ने रंजीत को बताया कि कुछ व्यक्तिगत सूचनाएं इकट्ठा करने के बाद साइबर अपराधी ठगी के लिए एआइ तकनीक से बात करवाता है और झांसे में आने पर मोटी रकम ठग लेता है.

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