पटना न्यूज़: पटना में अदालत में पेशी के लिए ले जाए जा रहे तीन विचाराधीन कैदी सिपाही की आंखों में बाम रगड़ हिरासत से फरार हो गए. टाउन डीएसपी अशोक कुमार सिंह ने बताया कि फुलवारीशरीफ जेल में बंद तीनों कैदियों को एक वैन से सिविल कोर्ट ले जाया जा रहा था. कैदियों की तलाश की जा रही है. दोषी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की जाएगी.
फुलवारीशरीफ जेल से कैदियों को लेकर पुलिस टीम पटना सिविल कोर्ट में पेशी के लिए निकली थी. वैन में कुल 43 कैदी सवार थे. वहीं, उनकी सुरक्षा के लिए दो सशस्त्रत्त् पदाधिकारी और तीन जवान वैन में थे. वैन दोपहर करीब एक बजे अशोक राजपथ पर बीएन कॉलेज के समीप पहुंची.
पीरबहोर थाने से करीब आधा किलोमीटर दूर कोर्ट जाने वाली सड़क पर भारी जाम लगा हुआ था. मामूली टक्कर के बाद ई-रिक्शा चालक और बाइक सवार आपस में झगड़े रहे थे. जाम हटाने दो सिपाही वैन से नीचे उतर गए. इसका फायदा उठा तीन कैदियों ने वैन में मौजूद एक सिपाही की आंखों में बाम रगड़ दिया. उसकी आंखों में जलन होने लगी. एक सिपाही ने कैदियों को भागने से रोकने की कोशिश भी की. लेकिन हाथापाई के दौरान सिपाही नीचे गिर गया. इससे उसके हाथ की हड्डी टूट गई. बाद में तीनों कैदी वैन से कूद गए और एक स्कूल की दीवार फांदकर फरार होने में सफल हो गए.
● बीएन कॉलेज के पास ई-रिक्शा व बाइक सवार के झगड़े से लग गया था जाम
पटना सिटी के हैं फरार तीनों विचाराधीन कैदी
फरार कैदियों की पहचान सोनू कुमार, नीरज चौधरी और सोनू शर्मा के रूप में हुई है. तीनों पटना सिटी के अलग-अलग इलाके के रहने वाले हैं. नीरज और सोनू शर्मा पर आर्म्स एवं मादक पदार्थ की तस्करी का मुकदमा दर्ज है, जबकि सोनू कुमार कुख्यात है. दो दफे वह पुलिस की हिरासत से भागने की कोशिश कर चुका था. इसके अलावा उसपर आर्म्स एक्ट व मारपीट के मामले भी दर्ज हैं.
साजिश तो नहीं थी सड़क जाम करना
बाकी कैदियों को अतिरिक्त सुरक्षा में कोर्ट में ले जाया गया. पुलिसकर्मियों ने पीरबहोर थाने में रिपोर्ट लिखवाई है. चर्चा शुरू हो गई कि सड़क जाम करना साजिश तो नहीं थी. अशोक राजपथ पर पूरे दिन जाम की स्थिति बनी रहती है. छोड़ अन्य दिन रेंग-रेंग कर वाहन चलते हैं. कम गति की वजह से यहां दुर्घटना-मारपीट की आशंका कम रहती है. बावजूद इसके दोपहर में ई-रिक्शा और बाइक सवार के झगड़े को साजिश के तौर में देखा जा रहा है. वरीय पुलिस अधिकारी किसी साजिश की बात से इंकार कर रहे हैं.