ट्रेन और प्लेटफॉर्म पर खाने पर देना होगा इतना जीएसटी, मिलेगी छूट

बता दें कि ट्रेनों में सप्लाई होने वाली ट्रेनों में समाचार पत्रों की सप्लाई पर गुड्स और सर्विस टैक्स नहीं

Update: 2022-08-03 14:17 GMT

रेलवे की खबरें इन दिनों सुर्खियां बन रही है. इन दिनों रेलवे अपने कई नियमों में बदलाव करता रहा है. बता दें कि रेलवे अपने यात्रियों को यात्रा के दौरान ज्यादा परेशानी न हो इसको ध्यान में रखते हुए पटरियों पर काम शुरु किया है जिससे की ट्रेनों की रफ्तार बढ़ाई जा सके. वहीं अगर हम ट्रेनों में खान पान की बात करें तो Appellate Authority for Advance Rulings ने कहा है कि ट्रेनों या रेलवे प्लेटफॉर्म पर सर्व किए जाने वाले फूड पर अब 5 प्रतिशत समान GST लगाया जाएगा. जीएसटी को लेकर चल रहे विवाद को समाप्त करते हुए AAAR ने बताया है कि चाहे रेलवे-लाइसेंस प्राप्त कैटरर द्वारा फूड सर्वे किया जाए या फिर बैगर लाइसेंस वाले कैटर मील सर्वे करें. बता दें कि इन सभी पर 5 प्रतिशत जीएसटी चार्ज लागू कर दिया गया है. बता दें कि ट्रेनों में सप्लाई होने वाली ट्रेनों में समाचार पत्रों की सप्लाई पर गुड्स और सर्विस टैक्स नहीं लगेगा.

अपीलेट अथॉरिटी फॉर एडवांस रूलिंग्स की तरफ से जीएसटी में किसी तरह का कोई बदलाव जब नहीं किया गया तो अथॉरिटी फॉर एडवांस रूलिंग्स ने कहा कि जीएसटी को अलग-अलग वस्तुओं पर उनकी लागु दरों के हिसाब से चार्ज किया जाएगा. साथ ही यह भी कहा जा रहा है कि ट्रेन या प्लेटफॉर्म पर सर्विस के आधार पर अलग-अलग जीएसटी दरें लागू हो सकती है. AARA की तरफ से जारी फैसला में यह कहा गया है कि एक मेनू पर फूड एंड ड्रिक प्रोडक्स यानी की पका हुआ या फिर MRP या फिर पैक प्रोडक्ट की सप्लाई के मामले में और IRCTC की ओर से IRCTC व यात्रियों को टैरिफ केरूप में राजधानी और दुरंतो एक्सप्रेस ट्रेनों में क्लासिफाइड किया जाता है. उन्होंने कहा कि ट्रेन परिवहन का एक साधन है, इसीलिए इसे रेस्तरां, मेस या कैंटीन नहीं कहा जा सकता है.
इससे पहले एडवांस रुलिंग अथॉरिटी ने माना कि जीएसटी अलग-अलग वस्तुओं पर उनकी लागू दरों पर लगाया जाएगा. इसके अलावा, ट्रेनों या प्लेटफॉर्म पर सेवा के आधार पर अलग-अलग जीएसटी दरें लागू हो सकती थी. आपको बता दें कि पहले फूड पर पहले दो तरह की जीएसटी दरें लगती थी. एक 5 फीसदी और दूसरी 18 फीसदी, अगर रेस्टोरेंट पर फूड खाया जाता है, या पैक करवाया जाता है तो 5 फिसदी जीएसटी लगता है. वहीं गर आप ट्रेन में फूड की डिलीवरी मांगते हैं तो 18 फीसदी जीएसटी लगता था. AAR ने यह भी कहा कि ट्रेन ट्रांसपोर्ट का एक साधन है, इसलिए इसे रेस्टोरेंट, भोजनालय, कैंटीन आदि नहीं कहा जा सकता है. यात्रियों को सीधे मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों में भोजन और पेय पदार्थों की सप्लाई में सर्विस का एलिमेंट शामिल नहीं है. इसे माल की शुद्ध सप्लाई के रूप में माना जाएगा और जीएसटी लगाया जाएगा. इसीलिए इसपर व्यक्तिगत वस्तुओं पर लगने वाला जीएसटी दर लागू होगा.
आपको बता दें कि AAR के एक फैसले के खिलाफ दीपक एंड कंपनी ने अपील दायर किया था बता दें कि यह कंपनी राजधानी ट्रेनों के साथ-साथ मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों में यात्रियों को भोजन की आपूर्ति के लिए भारतीय रेलवे के साथ समझौता किया था. बता दें कि इस कंपनी के द्वारा रेलवे स्टेशनों पर फूड प्लाजा के द्वारा भोजन दिया गया था. याचिका कर्ता ने अपने दलिल में यह कहा कि 26 जुलाई 2018 के एक बाद का जिक्र किया जिसमें भारतीय रेलवे, भारतीय रेलवे खानपान और पर्यटन निगम या उनके लाइसेंसधारियों द्वारा खाद्य/पेय पदार्थों की आपूर्ति प्रदान की गई थी, चाहे वह ट्रेनों में हो या प्लेटफॉर्म पर, बिना इनपुट टैक्स क्रेडिट के 5 प्रतिशत GST लगेगा


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