राष्ट्रपति के हाथों सम्मानित होंगे सीतामढ़ी के ये शिक्षक

Update: 2023-08-29 14:49 GMT
बिहार: शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले चुनिंदा शिक्षकों को हर वर्ष राष्ट्रपति के हाथों सम्मानित होने का अवसर मिलता है. इस पुरस्कार के लिए वैसे शिक्षकों का चयन किया जाता है जो शिक्षा के क्षेत्र में लीक से हटकर काम करते हैं और नवाचार तरीके से शिक्षा के स्तर को एक अलग मुकाम तक पहुंचाने में अपनी अहम भूमिका अदा करते हैं. इस बार भी देशभर के 50 उत्कृष्टशिक्षकों को राष्ट्रपति के हाथों सम्मानित होने का मौका मिलेगा. जिसमें बिहार के तीन शिक्षक शामिल हैं.
उन्हीं में से एक हैं सीतामढ़ी के शिक्षक द्विजेंद्र कुमार सुमन. जिन्हें 5 सितंबर को दिल्ली के विज्ञान भवन में राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू सम्मानित करेंगे. इनके आलावा बिहार के दो अन्य शिक्षक कैमूर से अनिल कुमार सिंह और किशनगंज से गुड्डी कुमारी भी शामिल हैं. शिक्षक द्विजेंद्र कुमार सुमन ने बताया कि मेल के माध्यम से उन्हें यह खुसखबरी मिली है. शिक्षक द्विजेंद्र कुमार सुमन इससे पहले भी कई पुरस्कार से सम्मानित हो चुके हैं.
शिक्षक द्विजेंद्र कुमार सुमन शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए आधा दर्जन से अधिक पुरस्कारों से सम्मानित हो चके हैं. उन्हें स्वच्छता पुरस्कार भी मिल चुका है. शिक्षक द्विजेंद्र कुमार सुमन ने बताया कि बतौर प्रधानाध्यापक बाजपट्टी के मधुबन माध्यमिक विद्यालय में 2013 से सेवारत हैं. उन्होंने बताया कि जब इस स्कूल में प्रभार लिया तो यहां की स्थिति बेहद खराब थी. स्कूल की स्थिति को सुधारने के लिए लगातार काम किया. इसमें स्कूल में पदस्थापित शिक्षकों का भी अहम योगदान रहा. पठन-पाठन के साथ अन्य व्यवस्था को पटरी पर लाया. इसके बाद इस स्कूल की सीतामढ़ी जिला में एक अलग पहचान बन गई.
जिसको कायम रखने के लिए लगातार प्रयास जारी है. इस स्कूल को शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट विद्यालय का पुरस्कार भी पटना में मुख्यमंत्री के द्वारा मिल चुका है. उन्होंने बताया की 2016 में प्रत्येक विद्यालयों में सोख्ता का निर्माण करवाना था. इसी के तहत स्कूल में सात सोख्ता का निर्माण करवाया. वहीं 2017 में सोख्ता निर्माण के क्षेत्र में जल संरक्षण के लिए लिमिका बुक ऑफ रिकॉर्ड में सीतामढ़ी जिला का नाम दर्ज हुआ.
शिक्षक द्विजेंद्र कुमार सुमन ने बताया कि शिक्षा के क्षेत्र में शिक्षकों की जो गतिविधि होती है उसी के आधार पर तय किया जाता है कि कौन इसके योग्य हैं. उन्होंने बताया कि पोर्टल के मध्यम से शिक्षकों को ऑनलाइन आवेदन करना होता है. इसके बाद स्कूल और शिक्षकों की गतिविधि का निरीक्षण किया जाता है. जिला कमिटि के सदस्य नाम का चयन करते हैं. वहीं प्रत्येक जिला से तीन शिक्षकों का नाम भेजा जाता है.
उसके बाद राज्य कमिटि शिक्षकों के प्रोफाइल को चेक करती है. उसमें बेहतर प्रोफाइल वाले 6 शिक्षकों का चयन किया जाता है. इसके बाद राष्ट्रीय स्तर के जूरी के पास साक्षात्कार देना पड़ता है. उन्होंने बताया कि उनका साक्षात्कार 9 अगस्त को हुआ था. जिसमें शिक्षकों को खुद से एक पीपीटी बनाकर 7 मिनट के अंदर सुनाना पड़ता है. इसके बाद कुछ सवाल भी पूछे जाते है. इन सभी प्रक्रिया से गुजरने के बाद शिक्षकों को चुना जाता है. जिसकी जानकारी उन्हें मेल के मध्यम से दी जाती है.
स्वच्छता पुरस्कार से भी हो चुके है सम्मानित
शिक्षक द्विजेंद्र कुमार सुमनशिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्टयोगदान के लिए आधा दर्जन से अधिक पुरस्कारों से सम्मानित हो चके हैं. उन्हें स्वच्छता पुरस्कार भी मिल चुका है. बतौर प्रधानाध्यापक बाजपट्टी के मधुबन माध्यमिक विद्यालय में 2013 से सेवारत हैं. स्कूल की स्थिति को सुधारने के लिए लगातार काम किया. 2017 में सोख्ता निर्माण में भी बेहतर काम किया. इसी के फलस्वरुप राष्ट्रपति के हाथों सम्मानित होने का मौका मिल रहा है.
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