लावारिस हालत में 9 जिंदा बम बरामदगी की सूचना मिलते ही मौके पर लोगों की भारी भीड़ जमा हो गई. हालांकि अभी तक इसका पता नहीं चल सका है कि आखिर किसके द्वारा और किस मकसद से बम को छुपा कर रखा गया था. वहीं बम बरामद होने के बाद आसपास के इलाके में गहन जांच अभियान शुरू कर दिया है. हांलाकि अभी तक इन बमों को क्यों और किस लिये छिपा कर रखा गया था अभी इसका पता नहीं चल पाया है.वैशाली: बिहार के वैशाली (bihar news) जिले से बड़ी खबर आ रही है. जहां महनार थाना इलाके में एक खेत से एक झोले से 9 जिंदा देसी बम (Nine Bomb Recovered In Vaishali) बरामद किये गये हैं. सूचना के बाद आनन-फानन में इलाके में अफरा-तफरी मच गई. इन बमों को क्यों और किस लिये छिपा कर रखा गया था अभी इसका पता नहीं चल पाया है.
दरअसल महनार थाना इलाके के जावज गांव में लोगों की नजर खेत में रखे गये एक झोले पर पड़ी. नजदीक जाकर उन्होंने देखा तो उनके होश उड़ गए. लोगों ने तत्काल पुलिस 8 बमों को होने की सूचना दी. जानकारी के बाद आनन-फानन में मौके पर पुलिस जांच करने पहुंची तो एक और बम मिला. इस तरह बमों की संख्या 9 हो गई है. जिसके बाद पुलिस ने सभी देसी बमों को पानी में रखकर डिफ्यूज कर दिया है. वहीं बम होने की सूचना पर आसपास के लोगों की भीड़ इकट्ठा हो गए. लोग हैरत में थे कि आखिर यहां पर किसने बम रखा होगा. धीरे-धीरे यह चर्चा क्षेत्र में फैल गई.
लावारिस हालत में 9 जिंदा बम बरामदगी की सूचना मिलते ही मौके पर लोगों की भारी भीड़ जमा हो गई. हालांकि अभी तक इसका पता नहीं चल सका है कि आखिर किसके द्वारा और किस मकसद से बम को छुपा कर रखा गया था. वहीं बम बरामद होने के बाद आसपास के इलाके में गहन जांच अभियान शुरू कर दिया है. हांलाकि अभी तक इन बमों को क्यों और किस लिये छिपा कर रखा गया था अभी इसका पता नहीं चल पाया है.
वैशाली में खेत किनारे मिले 9 जिंदा बम
'पुलिस इस मामले को गंभीरता से लेकर इसकी जांच में जुट गई है. बमों को देखकर लगता है कि इसे स्थानीय तौर पर बनाकर सुतली से लपेटा गया है. जांच के लिए एक्सपर्ट की टीम को बुलाया गया है.' :- मनोज कुमार, महनार थानाध्यक्ष
बता दें कि महनार थाना क्षेत्र के कई इलाके नक्सल प्रभावित इलाके रहे हैं. हालांकि बीते कुछ वर्षों में यह नक्सली की बड़ी गतिविधि देखने सुनने को नहीं मिली है. बावजूद पुलिस के जांच का एक बिंदु यह भी हो सकता है. क्योंकि कुछ वर्षों पहले तक इन इलाकों में बड़े पैमाने पर नक्सली जमा होकर योजना बनाते थे. कई इलाके से पुलिस ने नक्सलियों कोगिरफ्तार कर जेल में भेजा था. यहीं नहीं जागरूकता अभियान शिक्षा और विकास के जरिए इन इलाकों के बहुत सारे नक्सलियों को मुख्यधारा से भी जोड़ा गया था बावजूद पुलिस इस बात से पूरी तरह नक्सलियों की भूमिका को इनकार नहीं किया जा सकता है.