बक्सर न्यूज़: निर्माणाधीन ताप विद्युत परियोजना हेतु वाटर पाइप लाइन और रेलवे कोरिडोर के लिए अधिग्रहित की जा रही जमीन के उचित मुआवजे की मांग को लेकर किसानों का धरना जारी है. किसानों ने अपने आंदोलन के तहत विगत 10 दिसम्बर को पावर प्लांट का गेट बंद कर यहां का काम ठप कर दिया था. उस दिन के बाद से ही तक कंपनी के कंस्ट्रक्शन का काम ठप पड़ा हुआ है.
बता दे कि 10 दिसम्बर को किसानों द्वारा पावर प्लांट के पास दिनभर धरना दिए जाने के बाद उसी दिन यानि की रात में पुलिस ने बनारपुर गांव में पहुंचकर किसानों के घरों में घुसकर मारपीट की घटना को अंजाम दिया था, जिसके वीडियो वायरल होने के बाद उग्र लोगों का हुजूम की सुबह पावर प्लांट में टूट पड़ा. काफी संख्या में आक्रोशित लोगों के द्वारा पावर प्लांट में घुस तोड़फोड़ व आगजनी की घटना को अंजाम देकर कंपनी को करोड़ों रुपए की क्षति पहुंचाई थी. अराजक तत्वों के द्वारा अंजाम दी गई इस घटना के बाद पावर प्लांट के निर्माण कार्य में लगे लगभग छह हजार मजदूर डर के मारे यहां से भाग कर अपने घर लौट गये. बताया जाता है कि मजदूरों के यहां से भाग जाने के बाद आठवें दिन भी मजदूरों के नहीं आने से पावर प्लांट के कंस्ट्रक्शन का कार्य पूरी तरह से ठप पड़ गया है. कंपनी के अधिकारियों के अनुसार एसजेवीएन और एल एंड टी के इंजीनियरों, अधिकारियों और कर्मी भी कम संख्या में आ रहे हैं. अधिकारियों के मुताबिक मजदूरों को सूचना दी जा रही है. आने पर काम शुरू कर कार्य में तेजी लायी जाएगी.
बनारपुर पहुंच किसानों की बातों से रूबरू हुए ददन पहलवान पूर्व मंत्री सह डुमरांव के पूर्व विधायक ददन पहलवान बनारपुर के किसानों के बीच पहुंचे. इस दौरान उन्होंने गांव के पंचायत भवन में आयोजित किए गए अनिश्चितकालीन धरना के 93 वें दिन किसानों के बीच अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि किसी को भी डरने की जरूरत नहीं है. उन्होंने किसानों की मांगों को जायज ठहराते हुए पुलिसिया कार्रवाई की घोर निन्दा की. ददन पहलवान ने किसानों की लड़ाई का समर्थन करते हुए सरकार से मुआवजे की मांग को जल्द से जल्द पूरा करने की आवाज बुलंद की.