पटना न्यूज़: बिहार सरकार के वित्तीय वर्ष 2023-24 के नये बजट में राज्य में उद्योगों के विकास के लिए उद्योग विभाग के बजट के आकार में बढ़ोतरी होगी. इसकी आवश्यकता वर्तमान वित्तीय वर्ष के दौरान समझे जाने पर ही योजना आकार में बढ़ोतरी की गयी है. इसमें आगे भी बढ़ोतरी की उम्मीद है.
वर्तमान वित्तीय वर्ष 2022-23 में उद्योग व उद्योगों के विकास के लिए बजट सत्र के दौरान 1643.74 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया था. इसमें योजना मद में 1545 करोड़ रुपये और 98.74 करोड़ रुपये स्थापना एवं प्रतिबद्ध व्यय के लिए किया गया था. हालांकि, इसमें बाद में बढ़ोतरी करते हुए विभागीय बजट का आकार बढ़ाकर तीन हजार करोड़ रुपये से अधिक का कर दिया गया. आगामी वित्तीय वर्ष में विभागीय बजट का आकार 3500 करोड़ रुपए होने की संभावना है. राज्य में औद्योगिक विकास के माध्यम से रोजगार उपलब्ध कराने पर आगामी विभागीय बजट में जोर रहेगा. इसके लिए सबसे लोकप्रिय योजना मुख्यमंत्री उद्यमी योजना के तहत अधिक से अधिक लाभुकों को कुटीर उद्योगों की स्थापना के माध्यम से आत्मनिर्भर बनाने की कोशिश की जाएगी. राज्य में अबतक मुख्यमंत्री उद्यमी योजना के तहत 26 हजार लाभार्थियों का चयन किया जा चुका है. इनमें 16 हजार लाभार्थियों को पहले चरण की राशि उपलब्ध करायी गयी है. अन्य को दूसरे चरण की राशि मुहैया करायी जा रही है.
आधारभूत सुविधा उपलब्ध कराने पर रहेगा जोर
आगामी बजट में इथनॉल उत्पादन इकाइयों सहित अन्य बड़े निवेश प्रस्तावों को आमंत्रित करने और उनके लिए आधारभूत सुविधा उपलब्ध कराने की दिशा में तेजी लाने पर बजट के माध्यम से जोर दिए जाने की संभावना है. वहीं, वस्त्रत्त् एवं चर्म उद्योग के विकास के लिए बियाडा के तहत औद्योगिक क्षेत्रों में संचालित किए जा रहे आधारभूत संरचना के विकास और नये औद्योगिक क्षेत्रों के निर्माण पर फोकस दिए जाएंगे. दूसरी ओर, विद्युत करघा बुनकरों को विद्युत अनुदान मद में बढ़ोतरी किए जाने, खादी पुनरुद्धार योजना के तहत खादी संस्थाओं को करघा की खरीद पर अनुदान, नये शहरों में खादी मॉल की स्थापना, आयडा द्वारा गया के डोभी में इंट्रीग्रेटेड मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर को जल्द विकसित किए जाने पर जोर दिया जाएगा.