मंत्री हुए नाराज, कहा- 7 दिनों में ग्रामीणों को पानी नहीं मिला तो...जानें पूरा मामला

Update: 2022-05-02 09:39 GMT

कैमूर: बिहार में 'हर घर, शुद्ध नल जल' नीतीश सरकार की महत्वाकांक्षी योजना है और इसे सात निश्चय कार्यक्रम में भी जगह दी है. हालांकि जब बिहार के एक मंत्री जमीन पर इसका जायजा लेने निकले तो सच्चाई देखकर उनका पारा चढ़ गया और उन्होंने वहीं अफसरों को चेतावनी दे दी अगर 7 दिनों में ग्रामीणों को पानी नहीं मिला तो सभी को डिसमिस ( बर्खास्त) कर दूंगा.

दरअसल कागजों में 'हर घर, शुद्ध नल जल' की सफलता देखकर बिहार सरकार में पीएचईडी मंत्री और कैमूर जिला प्रभारी रामप्रीत पासवान अपने क्षेत्र में योजना की जमीनी हकीकत जानने पहुंचे थे. जब उन्होंने ग्रामीणों से बात की तो पता चला कि 50 फीसदी लोगों को भी इस योजना के तहत शुद्ध जल नहीं मिल रहा है. लोगों ने उनसे शिकायत कर दी की उन्हें इस सेवा का कोई लाभ ही नहीं मिलता.
ग्रामीणों की बात सुनकर पीएचईडी मंत्री रामप्रीत पासवान खुद भभुआ प्रखंड के अखलासपुर पंचायत में एक-एक घर में घुसकर लोगों को नल से जल मिल रहा है या नहीं ये पूछने लगे. ज्यादातर लोगों ने कहा कि शुद्ध पानी मिल ही नहीं रहा है.
इस योजना के तहत दो-तीन साल पहले इलाके में एक करोड़ सत्तर लाख रुपए की लागत से लोगों को शुद्ध पानी देने की व्यवस्था की गई थी. ग्रामीणों की शिकायत के बाद मंत्री नाराज हो गए और उन्होंने वहीं अधिकारियों को कड़ी फटकार लगाई.
पीएचईडी मंत्री रामप्रीत पासवान ने अफसरों को 7 दिन में इस समस्या को ठीक करने का अल्टीमेटम दिया और कहा कि अब अगर लापरवाही हुई तो नौकरी से डिसमिस कर दूंगा. उन्होंने नल जल के साथ बंद पड़े चापाकल को भी शुरू कराने का दिया निर्देश.
मंत्री यहीं नहीं रुके और कहा कि 7 दिन बाद मैं खुद आकर फिर जांच करूंगा और कोई गड़बड़ी मिली तो कार्रवाई के लिए तैयार रहना. इस मामले को लेकर अखलासपुर पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि रमेश चौरसिया ने जानकारी देते हुए बताया कि पंचायत में नल जल योजना सही से नहीं चल रही है. घरों तक नल का जल नहीं पहुंच रहा है.
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