रामचंद्रपुर का औद्योगिक क्षेत्र डिकेटेड फीडर से जल्द जुड़ेगा
बयाडा और बिजली विभाग की संयुक्त टीम ने सर्वे के बाद प्रस्ताव पर लगाई मुहर
नालंदा: पहले सदर अस्पताल तो अब शहर के रामचन्द्रपुर का इंडस्ट्रीयल एरिया (औद्योगिक क्षेत्र) डेडिकेटेड फीडर (11 केवी) से जुड़ेगा. सारी अड़चनें दूर कर ली गयी हैं. बियाडा और बिजली विभाग की संयुक्त टीम ने सर्वे के बाद प्रस्ताव पर मुहर लगा दी है. जल्द ही टेंडर की प्रक्रिया पूरी होने के बाद निर्माण कार्य प्रारंभ होगा.
विशेष फीडर बन जाने पर बार-बार बिजली कट की समस्या खत्म होगी. लो वोल्टेज व ट्रीपिंग का झेमेला भी नहीं रहेगा. बिना रुकावट बिजली मिलेगी तो डीजल इंजन पर निर्भरता खत्म होगी. उद्योग-धंधों को नयी रफ्तार मिलेगी. साथ ही, नये उद्योग लगाने के प्रति उद्यमी आगे आएंगे. आठ माह पहले प्राक्कलन बनाकर मुख्यालय को भेज गया था. एक सप्ताह पहले बियाडा और बिजली कंपनी के अधिकारियों ने फाइनल रूप से सर्वे के बाद बनाये गये प्राक्कल को मंजूरी दे दी है.
डेढ़ किमी लम्बी होगी सर्किट लाइटदेवीसराय स्थित रामचन्द्रपुर पावर सब स्टेशन (पीएसएस) से इंडस्ट्रीयल एरिया तक डेडिकेटेड फीडर बनाने के लिए करीब डेढ़ किलोमीटर (14 सौ मीटर) की 11 केवी सर्किट लाइन बिछायी जाएगी. इनमें 700 मीटर ओवरहेड वायर तो 700 मीटर अंडरग्राउंड केबल रहेगा. करीब 35 आयरन (लोहा) पोल गाड़े जाएंगे. साथ ही, 315 एमवीए का पावर ट्रांसफॉर्मर लगाया जएगा. योजना पर दो करोड़ रुपए खर्च होंगे. राशि बियाडा देगा.
क्या है डेडिकेटेड फीडर
औद्योगिक क्षेत्र के लिए डेडिकेटेड फीडर बनाने की योजना की स्वीकृति मिल गयी है. बियाडा और बिजली विभाग की टीम द्वारा सर्वे के बाद बनाये गये प्राक्कलन को मंजूरी दे दी गयी है. राशि मिलते ही काम शुरू कर दिया जाएगा.-विकास कुमार, एग्जीक्यूटिव इंजीनियर, बिहारशरीफ
अभी टाउन-वन फीडर से बिजली
शहर के इंडस्ट्रीज एरिया को रामचन्द्रपुर पीएसएस के टाउन-वन फीडर से बिजली मिलती है. इसी फीडर से शहर के नालंदा कॉलोनी, मास्टर कॉलोनी, शिवपुरी, मछली मंडी, रामचन्द्रपुर आदि मोहल्लों को भी बिजली दी जाती है. आंधी-पानी अथवा अन्य फॉल्ट आने पर बिजली गुल होती है तो उद्यमियों को जेनरेटर चलाना पड़ता है. औद्योगिक क्षेत्र में मोटर गैराज, मॉल, सर्विस सेंटर, गेट-ग्रिड का निर्माण, केक फैक्ट्री व अन्य छोटे-बड़े कल-कारखाने चल रहे हैं.
दूसरा स्पेशल फीडर
पिछले साल सदर अस्पताल के लिए स्पेशल फीडर बनाया गया था. बड़ी पहाड़ी ग्रिड से रेडक्रॉस सोसाइटी भवन तक 600 मीटर कवर्ड वायर बिछाकर सदर अस्पताल को डेडिकेटेड फीडर से जोड़ा गया था. योजना पर करीब एक करोड़ 18 लाख रुपए खर्च हुए थे.