मुजफ्फरपुर न्यूज़: सड़क पर वाहन दुर्घटनाओं में मारे गए व्यक्ति के आश्रितों व घायलों के लिए मुआवजे की राशि तय करने के लिए जिलों में गठित होने वाले ट्रिब्यूनल की नियमावली तैयार कर ली गई है. कैबिनेट की मंजूरी मिलने के बाद इसकी नियमावली पर दावा-आपत्ति के लिए एक महीने का वक्त दिया गया था. यह अवधि समाप्त होने के बाद नियमावली गठन की अधिसूचना परिवहन विभाग ने जारी कर दी है. यह ‘बिहार मोटरवाहन दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण (गठन एवं सेवाशर्त)’ नियमावली, 2023 कही जाएगी.
जल्द ही राज्य के सभी जिलों में ट्रिब्यूनल का गठन कर दिया जाएगा. इसके बाद किसी भी वाहन दुर्घटना में मुआवजा को लेकर ट्रिब्यून में ही आवेदन दिए जाएंगे. ट्रिब्यूनल के आदेश के आलोक में संबंधित बीमा कंपनी मुआवजे की राशि का भुगतान करेगी. इसका कार्यक्षेत्र उस जिले का भौगोलिक क्षेत्र होगा. यानी जिस जिले में दुर्घटना होगी, वहां के संबंधित ट्रिब्यूनल में इसकी सुनवाई होगी
पांच साल के अध्यक्ष का चयन होगा हर ट्रिब्यूनल में एक अध्यक्ष होंगे. हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति या जिला जज(पूर्व या वर्तमान) इसके अध्यक्ष होंगे. पांच वर्षों तक के लिए अध्यक्ष का चयन किया जाएगा, जो अधिकतम 70 वर्ष की आयु तक इस पद पर रहेंगे.
अपर जिला परिवहन पदाधिकारी सहयोग करेंगे
अध्यक्ष की निुयक्ति परिवहन विभाग के अपर मुख्य सचिव/प्रधान सचिव/सचिव की अध्यक्षता मंए गठित स्क्रीनिंग समिति की अनुशंसा और विभागीय मंत्री के अनुमोदन पर होगी. दावों को तेजी से निपटाने में अपर जिला परिवहन पदाधिकारी या इसके समकक्ष पदाधिकारी सचिव के रूप में सहयोग करेंगे. सचिव ही न्यायाधिकरण कार्यालय के निकासी और व्ययन पदाधिकारी भी होंगे. परिवहन विभाग ट्रिब्यूनल को कर्माचारियों की सेवा उपलब्ध कराएगा. इनमें उच्च वर्गीय लिपिक, आशुलिपिक, निम्नवर्गीय लिपिक, डाटा इंट्री ऑपरेटर आदि होंगे