एक से चरमरा सकती है शहर की सफाई व्यवस्था

Update: 2023-03-02 08:01 GMT

रोहतास न्यूज़: नगर निगम में सफाई चरमराने वाली है. क्योंकि सफाई कार्य में लगी दोनों सफाई एजेंसियों का कार्यकाल 15 फरवरी को समाप्त हो गया था. इसके बाद सीबीएस को दो माह का एक्सटेंशन दिया गया था.

वहीं पाथ्या को 15 दिनों का एक्सटेंशन दिया गया था. पाथ्या को दिए गए एक्सटेंशन की समयावधि समाप्त होने वाली है. इसके बाद शहर की सफाई व्यवस्था को ले नगर निगम के अधिकारियों के साथ शहर वासियों की चिंता बढ़ गई है. विदित हो कि शहर में सफाई कार्य के लिए दो एनजीओ की जिम्मेदारी दी गई थी. दोनों एनजीओं को शहर के आधे-आधे क्षेत्रों की सफाई करनी होती है. दो एनजीओ होने के बावजूद शहर की सफाई की हालत बद से बदतर बनी हुई है. दोनों एनजीओं को 43-43 लाख रुपए प्रतिमाह भुगतान किए जाने का बाद भी शहर की स्थिति नारकीय बनी हुई है. मुख्य सड़कों से ले गलियों तक कूड़े के अंबार लगे रहते हैं. बजबजाती नालियां शहर की पहचान बन गई है. वहीं डोर-टू-डोर कचरा उठाव नहीं हो रहा था.

कौन-कौन वार्ड होंगे प्रभावित पाथ्या के जिम्मे शहर के पुराने 21 वार्डों में सफाई करने की जिम्मेदारी है. जिसमें पुराने वार्ड संख्या आठ, 14, 15, 16, 23, 24, 25, 26, 28, 29, 30, 31, 32, 33, 34, 35, 36, 37, 38, 39, 40, 41 आती है. उनका विस्तारित कार्यकाल को समाप्त होने के बाद उक्त वार्डों में सफाई की स्थिति और खराब होने की उम्मीद जताई जा रही है.

क्या कहते हैं शहरवासी

वार्ड संख्या 15 के मिंकू कुमार का कहना है कि वार्ड 15 में पहले से ही सफाई व्यवस्था बदतर थी. ऐसे में एनजीओ का कार्यकाल समाप्त होने के बाद स्थिति और भी बदतर हो जाएगी.

क्या कहते हैं अधिकारी

नगर आयुक्त सत्यप्रकाश शर्मा का कहना है कि फिलहाल सीबीएस को पूरे शहर की सफाई की जिम्मेदारी दी गई है. सफाई व्यवस्था को सुचारू रखने के लिए योजना बनायी गई है. शहरवासियों को परेशान होने की जरूरत नहीं है.

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