बेगूसराय न्यूज़: पिछले दिनों केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह की अध्यक्षता में दिशा की बैठक में शिक्षकों के अवैध प्रतिनियोजन पर काफी हो-हंगामे के बाद विभागीय अधिकारी सख्ती के मूड में हैं.
डीईओ शर्मिला राय ने शिक्षा विभाग के डीपीओ स्थापना को भेजे पत्र में कहा है कि विभाग की पूर्वानुमति के बिना प्रतिनियुक्त शिक्षकों का वेतन भुगतान नहीं किया जाएगा. प्रतिनियुक्ति पर रहने वाले शिक्षकों की सूची व प्रतिनियुक्त करने वाले अधिकारी का नाम पदनाम समेत प्रतिवेदित करने को कहा है. ताकि प्रतिनियुक्ति की अवधि में देय वेतन की वसूली के लिए जिलाधिकारी से अनुरोध किया जा सके. डीईओ ने पत्र में कहा है कि विना विभाग की पूर्वानुमति के प्रतिनियुक्त शिक्षकों का वेतन भुगतान नहीं हो, यह सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी डीपीओ स्थापना की होगी. कहा कि यदि ऐसे प्रतिनियुक्त शिक्षकों का वेतन भुगतान होता है तो इसकी सारी जवाबदेही डीपीओ की होगी. बीईओ केा निर्देशित करते हुए कहा कि किसी भी परिस्थिति में विना विभाग की पूर्वानुमति के प्रतिनियुक्त शिक्षकों का वेतन भुगतान नहीं हो. यदि इसका पालन नहीं होता है तो बगैर शोकॉज के आरोप पत्र गठित करते हुए विभागीय कार्रवाई की जाएगी. गौरतलब है कि विभागीय निर्देश के तहत शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति दसवर्षीय जनगणना, आपदा सहाय्य, चुनाव कार्य, माध्यमिक विद्यालय विहीन पंचायतों में नरवस्थापित माध्यमि विद्यालय, विशेष परिस्थिति में कस्तूरबा विद्यालय, बाल सुधार गृह, प्रतिनियुक्त प्रभारी, एकल शिक्षकीय विद्यालय में प्रतिनियुक्त शिक्षकों पर उपर्युक्त आदेश लागू नहीं होता है. मौजूदा स्थिति यह है कि विभागीय निर्देश को ताक पर रखकर खुद डीईओ, डीपीओ, बीईओ, बीडीओ आदि अधिकारी मनमाने तरीके से शिक्षकों को उनकी सुविधानुसार प्रतिनियुक्ति कर रहे हैं. यह भी बताया गया है कि सुदूर गांव के विद्यालयों के शिक्षकों ने विभागीय अधिकारियों से सांठगांठ कर शहर के विद्यालयों में प्रतिनियोजन करवा लिया है.
आश्चय यह कि शिक्षकों का प्रतिनियोजन नियोजन इकाई क्षेत्र से बाहर के स्कूलों में किया जा रहा है. इसमें डीईओ व डीपीओ की भूमिका महत्वपूर्ण होती है. जिला प्रशासन यदि मामले की जांच सक्षम अधिकारी से कराये तो प्रतिनियोजन के अवैध खेल की कलई खुल जाएगी.