पटना : बिहार सरकार ने बालू घोटाले के आरोपी (accused of sand scam) भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के अधिकारी (Indian Police Service officers) औरंगाबाद के पूर्व एसएसपी सुधीर पोरिका और भोजपुर के पूर्व एसपी राकेश दुबे की निलंबन की अवधि 6 महीने के लिए और बढ़ा दी है. अब ये दोनों अधिकारी 17 जनवरी 2023 तक निलंबित रहेंगे. इस दौरान उन्हें जीवन निर्वाह भत्ता मिलता रहेगा. सुधीर पोरिका को आर्थिक अपराध इकाई की रिपोर्ट के आधार पर पिछले साल 27 जुलाई को निलंबित किया गया था. पोरिका पर बालू माफिया से सांठ-गांठ रखने और अवैध बालू खनन और भंडारण से संबंध रखने वाले अधिकारियों को संरक्षण देने का आरोप है.
बिहार सरकार ने गत वर्ष सितंबर में दोनों को किया था निलंबित : ज्ञातव्य है कि बालू के अवैध खनन से जुड़े मामले में बिहार सरकार ने इन दोनों आईपीएस अधिकारियों के खिलाफ एक्शन लिया था. अवैध बालू खनन से संलिप्तता जोड़ते हुए गत वर्ष सितंबर महीने में आईपीएस अधिकारी सुधीर पोरिका और राकेश दुबे को निलंबित कर दिया गया था, लेकिन करीब साल भर बाद भी इन दोनों अधिकारियों के खिलाफ जांच पूरी नहीं हो पाई है. एक बार फिर अधिकारियों के निलंबन अवधि को बढ़ा दिया गया है. अब ये दोनों आईपीएस अधिकारी 17 जनवरी 2023 तक निलंबित रहेंगे. इन दोनों अफसरों पर आय से ज्यादा संपत्ति मामले की जांच चल रही है.
तीसरी बार बढ़ी निलंबन अवधि : उल्लेखनीय है कि पहली बार 27 जुलाई 2021 को इन दोनों अधिकारियों को आर्थिक अपराध इकाई की जांच रिपोर्ट और बिहार डीजीपी की अनुशंसा पर 60 दिनों यानी 24 सितंबर 2021 तक के लिए सस्पेंड किया गया था. इसके बाद इनके निलंबन की अवधि पहले 120 दिन यानी 22 जनवरी 2022 तक और फिर 180 दिन यानी 21 जुलाई 2022 तक बढ़ाई गई थी. एक जुलाई 2022 को निलंबन समीक्षा समिति की बैठक आयोजित की गई थी. उनके निलंबन को अब 21 जुलाई 2022 से अगले 6 महीने यानी 17 जनवरी 2023 तक बढ़ाने की अनुशंसा की गई है. फिलहाल दोनों अधिकारियों के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति मामले की जांच चल रही है.