बिहार में मखाना उत्पादन का क्षेत्र दोगुना करने का लक्ष्य
मखाना उत्पादन क्षेत्र दोगुना करने और उत्पादन बढ़ाने की भरपूर संभावना है.
पटना: राज्य में मखाना उत्पादन का क्षेत्र दोगुना करने का लक्ष्य है. कृषि विभाग मखाना उत्पादन क्षेत्रफल और किसानों के पास उपलब्ध आधारभूत सुविधाओं का बेसलाइन सर्वे करा रहा है.
सर्वे अंत तक पूरा हो जाएगा. बामेती में मखाना उत्पादन पर एक दिवसीय कार्यशाला में यह बात कही गई. अध्यक्षता करते हुए कृषि सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने कहा कि दरभंगा, मधुबनी, सरहसा, मधेपुरा, सुपौल, कटिहार, पूर्णिया, किशनगंज, अररिया और खगड़िया मखाना उत्पादक जिला है. यहां तालाब और खेत दोनों पद्धतियों से मखाना की खेती होती है. मखाना उत्पादन क्षेत्र दोगुना करने और उत्पादन बढ़ाने की भरपूर संभावना है.
किसानों को मखाना का बीज हर दो साल पर बदल लेना चाहिए. सरकार मखाना बीज मूल्य पर 75 प्रतिशत या 5400 रुपए प्रति हेक्टेयर की दर से अनुदान दे रही है. अभी तक जिलों के 3393 गांवों, 781 ग्राम पंचायत और 67 प्रखंडों में मखाना की खेती होती है. मखाना उत्पादक किसानों की संख्या 9777 है. इसमें 829 किसान तालाब प्रणाली, 8871 किसान खेत प्रणाली और 77 किसान दोनों प्रणाली से मखाना की खेती कर रहे हैं. मखाना के लिए सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना भोला पासवान शास्त्रत्त्ी कृषि महाविद्यालय पूर्णिया में की जा रही है. मिथिला मखाना को 16 अगस्त 2022 को जीआई टैग मिला.
दो पक्षों में भिड़ंत 12 लोग घायल: गौरीचक के कंडाप गांव में की रात आपसी विवाद में दो पक्ष आपस में भीड़ गए. जिसमें 12 लोग जख्मी हुए हैं. दोनों पक्षों ने थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई है.
रमेश दास ने पुलिस को बताया कि उसकी चचेरी पुत्रवधु के साथ कुछ लोगों ने छेड़खानी की. जब इसका विरोध जताया गया तो 20 से 25 लोग मिलकर मुझे व मेरे परिवार के सदस्यों को पीटकर जख्मी कर दिया. वही,ं विकास कुमार ने कहा कि 15 से 20 लोग गांव में आकर बदसलूकी करते हुए परिवारवालों को पीटकर जख्मी कर दिया. पुलिस मामले की छानबीन कर रही है.